श्रीराजीव लोचन का बाराहमासी श्रृंगार ने श्रध्दालुओं को मोहा

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। प्रसिध्द भगवान श्रीराजीव लोचन के पश्चिमाभिमुख द्वार पर विष्णु जी के स्वरूप श्रीराजीव लोचन का बारहमासी में श्रृंगार किया जाता है। उन पर्वो के अलौकिक छवि को फ्लैक्स पोस्टर के माध्यम से दर्शाया गया है। सभी चित्र अत्यंत मनमोहनी है। दर्शन करने के लिए आने-जाने वाले श्रध्दालु इन्हें देख दर्शन कर बारह महीने के स्वरूप का दर्शन एक साथ कर लेते है। मंदिर के सर्वराकार चन्द्राभान सिंह ठाकुर, मंदिर समिति के व्यस्थापक पुरूषोत्तम मिश्रा, सुनील शर्मा, महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले बारह वर्षो से लगातार भगवान श्रीराजीव लोचन के सभी रूपों की छाया चित्र चस्पा करते आ रहे है। इससे दूर दराज से आने वाले श्रध्दालुओ को भगवान के सभी पर्वो का दर्शन एक साथ हो जाता है। सर्वविदित है कि श्रीराजीव लोचन का स्वरूप दिनभर में तीन बार बदलता है। सुबह बाल रूप एवं दोपहर युवा तथा रात्रिकाल वृध्द रूप मंे दिखते है। यहां पर माघ पूर्णिमा राजिम मेला में भगवान का श्रृंगारिक चित्र के साथ ही बसंत पंचमी, होली पर्व, जल क्रीड़ा, एकादशी पर्व, नवरात्र पर्व, रामनवमी पर्व, मोहिनी रूप, रक्षाबंधन पर्व, श्रावण झुला एकादशी पर्व, दशहरा पर्व, दीपावली, अन्नकुट पर्व, द्वादशी पर्व प्रदर्शित किया गया है। भक्तगण यहां आकर श्रीराजीव लोचन का साक्षात दर्शन करते है। यहां का प्रसिद्ध प्रसाद पीड़िया पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है जिसे खाकर श्रध्दालुगण तृप्त हो जाते है।

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