वन कर्मियों की हड़ताल पर जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में- मिश्रा
“प्रयास कैवर्त कलमकार”
मरवाही । भाजपा महामंत्री एवं जनपद पंचायत मरवाही के सदस्य आयुश कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रदेशभर के दस हजार वन कर्मचारी आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। कर्मचारियों ने सरकार से 12 सूत्रीय मांग की गई थी, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं है।छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के 300 वन कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वन विभाग में 24 साल पहले बने सेटअप पर ही काम चल रहा है। वेतन विसंगति भी दूर नहीं होने से वन कर्मचारियों में नाराजगी है। मेरी मांग और समर्थन छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के साथ हैं।
मरवाही वन मंडल में लगातार हांथियो का प्रकोप हाहाकार मचा रहा है उनसे सीधे लडने वाले कर्मचारियों की विशेष एवं अति आवश्यक मांग है जिसे सरकार को पुनर्विचार कर पूरी करनी चाहिए एवम जनजीवन सामान्य करने के लिए प्रशाशन से आग्रह कर रहा।
वन कर्मचारी संघ की मांगें –
—मांग पर पदनाम के साथ ही वन रक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 किया जाए।
—वनरक्षक, वनपाल का वेतनमान मांग अनुसार किया जाए।
—पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
—छत्तीसगड़ राज्य गठन के पश्चात नाय सेटअफ पुनरीक्षण किया जाए
—महाराष्ट्र सरकार की तरह 5000 रुपये, पैस्टिक आहार और वर्दीभत्ता दिया जाए
—पदनाम वर्दी हेतु संबंधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेश जारी किया जाए
—वनोपज संघ के कार्य हेतु एक माह अतिरिक्त वेतन दिया जाए
—काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली निरस्त किया जाए
—विभागीय पर्यटन स्थल में वन कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्ति वन कर्मचारियों को नि: शुल्क प्रवेश दिया जाए।
—वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन किया जाए। वनपाल प्रशिक्षण केन्द्र कोनी (बिलासपुर) प्रारंभ किया जाए।
—भृत्य, वानिकी चौकीदार का समायोजन किया जाए।
—दैनिक वेतन भोगी श्रमिको को नियमित किया जाए।