मंद पड़े बाजार को मिली रफ्तार,कोरोना काल के बाद बाजार पहली बार रहा गुलजार

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । नरक चतुर्दशी को शहर के बाजार में इस कदर भीड़ देखी गई कि कहीं पांव रखने तक की जगह नहीं मिली। कपड़े दुकान, सोने चांदी की दुकान, फैंसी आइटम के अलावा हार्डवेयर तथा अन्य दुकानों में भी भीड़ के रूप बदलते रहे। सुबह लोगों की भीड़ कुछ अलग कहानी कह रही थी तो दोपहर तक खचाखच रूप ले लिया और देखते ही देखते शाम 4:00 बजे तक भीड़ कि न ही सूरत थी और नहीं शक्ल। सिर्फ लोग सामान खरीदेने की होड़ में इस दुकान से उस दुकान तथा अलग-अलग दुकानों में लाइन लगाते रहे। यहां मेला ग्राउंड में 17 दुकाने पटाखे की है। सभी दुकानों में भीड़ रही। लोग अपने बजट के अनुसार पटाखा खरीदें तथा कई लोग अपने बच्चे को साथ में लेकर आए थे और उनके मनपसंद के पटाखे खरीद रहे थे। इस बार आकाश फटाके के खूब डिमांड देखी जा रही है। वहीं बम पटाखे गिनती के लोग खरीद रहे हैं। क्योंकि उनकी आवाज जबरदस्त होती है ज्यादा ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए छोटी फटाका पर ही संतोष कर रहे हैं। रायपुर रोड स्थित कपड़े की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई तो फिंगेश्वर रोड की दुकानों पर बाइक क्रमशः खड़ी थी डबल लेन वाली यह सड़क दोनों ओर से गाड़ियों के रखने के कारण एकल मार्ग के जैसे प्रतीत हो रहे थे। वही छोटे दुकानदार खोमचे वाले के काउंटर ही गाड़ियों के रखने से बंद जैसे नजर आ रहे थे देर रात तक आज खरीदारी होती रही। दीए की दुकानों में भी भीड़ थी तो कहीं पर महालक्ष्मी की छोटी मूर्तियां खरीदने के लिए लोगों का हुजूम बढ़ा हुआ था। इस बार दुकानदारों ने ग्राहकी के नाम पर पिछले कोरोना काल से लेकर खाली पीली थे लेकिन इस बार इस कदर भीड़ बढ़ी कि उन्हें संभालना टेढ़ी खीर हो रही थी। कपड़े की दुकानदार जींस आदि प्रिंटेड रेट में ही विक्रय कर रहे थे इससे खरीददारों में नाराजगी देखी गई और कह रहे थे कि दुकानदार ग्राहकों को लूट रहे हैं। ग्राहक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे थे कपड़े दुकान के अलावा अन्य दुकानों पर भी लोग खरीददारी करते रहे। गरियाबंद रोड से लेकर छुरा मार्ग पर भी भीड़ बनी रही। गुरुवार को महालक्ष्मी पूजन दिवस है इसकी तैयारी ग्रामीण बड़े जोर शोर से कर रहे हैं शहर में भी साफ सफाई के अलावा रंग पेंट वार्निश आदि से बाजार गुलजार दिख रहा है।

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