अध्यात्म जगत का सूर्य अस्त हुआ है, उनके चेहरे का तेज, वाणी का ओज ब्रह्मलीन होने के बाद भी सदैव दिखाई देता है: बृजमोहन अग्रवाल
नरसिंहपुर । मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में पूज्यपाद श्री विभूषित ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मीभूत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। झोतेश्वर मेला प्रांगण में आयोजित समाराधना कार्यक्रम में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल शामिल ने भी श्रद्धाजंलि सभा में श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान ब्रम्हलीन शंकराचार्य जी के निजी सचिव ब्रम्हचारी सुबुद्धानंद सरस्वती जी ने शंकराचार्य जी के इच्छा पत्र (वसीयत) को पढ़कर आधिकारिक रूप से शंकराचार्य जी के नए उत्तराधिकारियों की घोषणा की।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उत्तराधिकारी घोषित हुए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरांनद सरस्वती, द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के साथ-साथ निज सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद सरस्वती जी का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य कई नेताओं ने भी समाधि स्थल पर पूजन किया।
श्रद्धाजंलि सभा के दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वामी जी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहा। वे हमेशा राजिम कुंभ में अपने अनुयायियों को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचते थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि शंकराचार्य जी के आशीर्वाद से आगे भी धर्म ध्वजा लहराती रहेगी हम सभी उनके बताए मार्ग पर आगे बढ़ेंगे, सनातन संस्कृति की रक्षा करेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि परम पूज्य ब्रह्मलीन जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सनातन संस्कृति के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। वह दीन, दुखियों, दलितों और शोषितों के लिए वह पूरे जीवनभर कार्य करते रहे। चाहे वह झारखंड विश्व कल्याण आश्रम हो या अलग-अलग राज्यों में जनजातियों के कल्याण के कार्य हों, वह जीवन भर समर्पित रूप से कार्य करते रहे। चिकित्सालय, विद्यालय, संस्कृत पाठशाला और अनेक सेवा के कार्यों का उन्होंने सदैव संचालन किया।
बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि ब्रह्मलीन जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने समान नागरिक संहिता, अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण, गोरक्षा जैसे विषयों पर सदैव देश को जगाने का कार्य किया। अध्यात्म जगत का सूर्य अस्त हुआ है, उनके चेहरे का तेज, वाणी का ओज उनके ब्रह्मलीन होने के बाद भी सदैव दिखाई देता है।
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में ज्योतिष और द्वारका पीठ के प्रमुख शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि के बाद उनके उत्तराधिकारियों का पट्टाभिषेक ज्योतिष पीठ के प्रमुख के तौर पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और द्वारका पीठ के प्रमुख के तौर पर स्वामी सदानंद सरस्वती का चुनाव किया गया। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निज सचिव रहे ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद सरस्वती के अधिकार यथावत रहेंगे। वे दोनों नए शंकराचार्यों के निज सचिव होंगे।