पामगढ़ की महिलाओं ने जाना अपने क़ानूनी अधिकारों की जानकारी, कार्यक्रम में जुटे कानून के जानकार
”सुरेश यादव की रिपोर्ट”
जांजगीर । पामगढ़ में 15 अक्टूबर महिलाओं को अपने अधिकारों और कानून की जानकारी देने के लिए परियोजना स्तरीय महिला जागृति शिविर सह विधिक जागरूकता शिविर महिला बाल विकास के तत्वाधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुरेश कुमार सोनी जिला एवं सत्र न्यायधीश, विशिष्ट अतिथि श्री आर के रिगरी विशेष न्यायधीश पॉस्को जांजगीर थे| इनके अलावा ने भी श्री अंशुल मिंज न्यायिक मजिस्ट्रेट पामगढ़, श्री जितेंद्र प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट अकलतरा, श्रीमती प्रीति नागवंशी, न्यायिक मजिस्ट्रेट नवागढ़, डॉ ममता भोजवानी द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश सक्ति, राज्य महिला आयोग सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर, श्रीमती पुष्पा पाटले सदस्य बाल संरक्षण आयोग, यूएस अनंत परियोजना अधिकारी पामगढ़, डॉ निशा सूर्यवंशी चिकित्सा अधिकारी पामगढ़, श्रीमती ममता शर्मा व श्रीमती उषा शांडिल्य रिसोर्स पर्सन चाम्पा, श्रीमती सत्या गुप्ता अध्यक्ष नगर पंचायत राहौद, प्रो. चांदनी छाबड़ा सहायक प्राध्यापक, डॉ शैली ओझा प्राध्यापक, डॉ चंचल यादव एचओडी ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया |
मीडिया को जानकारी देते हुए गीतेश कुमार कौशिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर ने बताया की महिलाओं से संबंधित क़ानूनी अधिकार की जानकारी देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय विधिक प्राधिकरण के तत्वाधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें शासन की योजनाओं को बताया गया जो महिलाओं से संबंधित है | कार्यक्रम में ग्रामीण स्तर की महिलाएँ, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन सहित स्कूल व कॉलेज से भी शामिल हुई थी |
राज्य महिला आयोग सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर ने बताया की महिलाओं को जो संविधान में अधिकार दिए गए हैं उनके बारे में उपस्थित महिलाओं को बताया गया | उन्होंने बताया की महिलाओं को बहुत सारे क़ानूनी अधिकार मिले हुए है, बहुत सारी योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार ने बनाई हुई है किन्तु जानकारी के आभाव में महिलाएँ उनका सदुपयोग नहीं कर सकती। इस कारण से बनाए गए नियम कानून धरे के धरे रह गए हैं |
श्रीमती पुष्पा पाटले सदस्य बाल संरक्षण आयोग ने बताया की बच्चों को स्वतंत्र जीने का, शिक्षा और समानता का अधिकार है | उन्होंने बताया की पॉस्को एक्ट के बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता, बच्चों के साथ घटना घट जाती है बिना जानकारी के ये मामला यही दब जाता है| जिसके बाद बच्चे हंसी के पात्र बन जाते हैं, इससे कैसे निपटना है इसकी जानकारी दी गई |