सर्दी, खांसी, बुखार से बचाने में मददगार है शलजम
रायपुर। पौष्टिक गुणों से भरपूर शलजम एक स्वास्थ्यवर्धक कन्दीय मूल सब्जी है। शलजम को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार से बचाने में शलजम मददगार है । इसे औषधीय गुणों की खान माना जाता है। शलजम एक ऐसा कंद (सब्जी) है जिसका सेवन शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है। शलजम में विटामिन-सी, विटामिन-के, बीटा कैरोटिन और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। शलजम को आहार में जूस और सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। शलजम के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है। शलजम में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है, जो सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए भी अच्छा माना जाता है।
शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि शलजम को आयुर्वेद में औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। शलजम मधुर, थोड़ा गर्म, छोटा तथा वात, पित्त और कफ को दूर करने वाला होता है। यह खाने में रुचि बढ़ाने वाला, पेट संबंधी समस्या तथा ज्वर में फायदेमंद होता है। इसकी जड़ें और पत्तियां पित्त को बढ़ाने वाला और कृमि से निजात दिलाने वाला होता है। शलजम श्वास संबंधी समस्या, खांसी, अश्मरी या पथरी, अर्श या बवासीर, अरुचि व गर्भावस्था के बाद के रक्तस्राव में हितकर होता है। शलजम खाने से शरीर में खून की कमी नही रहती है क्योंकि इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है जिससे अनीमिया के रोगियों को फायदा मिलता है।
शलजम के सेवन के अनेक फायदे हैं। इससे शरीर की सुस्ती व भारीपन दूर होता है। यह नेत्रों के लिए उपयोगी और पेट संबंधी बीमारियों को दूर करता है। यह शरीर की मांसपेशियों एवं हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसके सेवन से चेहरे पर चमक आती है। हाथ व पैरों के नाखून मजबूत होते हैं । बालों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। इसका उपयोग हाजमे को दुरूस्त करता है व पेशाब संबंधी रोगों के लिए भी लाभदायक है। सुजाक आतशक के रोगों में पेशाब की रूकावट को दूर करती है। गले में सूजन एवं आवाज भारी होने पर शलजम का उपयोग लाभकारी है।
शलजम के जड़ तथा पत्ते का प्रयोग सलाद के रुप में तथा सब्जी के रुप में किया जाता है। इसके पत्ते मूली के पत्ते जैसे होते हैं। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी जड़ कुंभरुपी, गोल, सफेद तथा हल्के बैंगनी व गुलाबी रंग की आभा से युक्त होती है। शलजम के अनेक औषधीय गुण हैं किंतु बीमारियों के उपचार के लिए शलजम का प्रयोग चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें।