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बृज शिक्षा काया कल्प के तहत किशोरी रमन इंटर कॉलेज हाई स्कूल की मरम्मत और पुनर्वास कार्य तेजी से जारी

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मथुरा। मथुरा के 114 साल पुराने ऐतिहासिक किशोरी रमन इंटर कॉलेज हाई स्कूल का पुनर्वास कार्य तेजी से चल रहा है और समय सीमा से पहले ही इस परियोजना के पूरा होने का अनुमान है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय रूप से काम करते हुए, संगिनी सहेली और जेएसपीएल फाउंडेशन ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बृज शिक्षा काया कल्प के तहत स्कूल के पुनर्निर्माण का दायित्व संभाला है। स्कूल की शुरुआत 1906 में हुई थी और उस समय यह सिर्फ 12 कमरों वाला स्कूल था। प्रतिबद्धता, कड़ी मेहनत और लगन के कारण अब स्कूल में 2750 छात्र हैं, जो अपने ज्ञान, कौशल, व्यक्तित्व और समग्र जीवन जीने के दृष्टिकोण को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अपने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचे के उल्लेखनीय महत्व के साथ, किशोरी रमन गर्ल्स स्कूल दो पालियों में संचालित होता है और 5000 लड़कियों को शिक्षा प्रदान कर सकता है।
वक्त बीतने के साथ हर निर्माण की तरह ही, शिक्षा के इस ऐतिहासिक भवन को भी विकास और पुनर्निर्माण की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जिससे स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण को बनाए रखा जा सके। संगिनी सहेली की संस्थापक प्रियल भारद्वाज, जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन शालू जिंदल और अन्य गणमान्य लोग बृज शिक्षा काया कल्प के तहत स्कूल के पुनर्निर्माण तथा भारत के समान एवं समावेशी विकास के दायरे को व्यापक बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
व्यापक पुर्ननिर्माण परियोजना में आजकल की सभी सुविधाओं, अच्छी गुणवत्ता वाले वाशरूम और आकर्षक प्रवेश द्वार के साथ 30,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल वाला भूकंप-रोधी स्कूल भवन का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, स्कूल में दिव्यांग छात्रों के लिए रैंप भी बनाया जाएगा।
पहल के बारे में, जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन शालू जिंदल ने बताया कि “महिलाओं के लिए शिक्षा उनके लिए आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने की राह बनाती है। शिक्षा में महिलाओं के परिवारों और शेष दुनिया को सशक्त बनाने की क्षमता है। राष्ट्र निर्माण की नींव बनाने के लिए आरंभ से ही महिलाओं को शिक्षित करना और अवसर प्रदान करना आवश्यक है ताकि वे अपने कौशल विकास के जरिये अपना भविष्य बना सकें और अपनी आजीविका हासिल कर सकें। शिक्षा से प्राप्त ज्ञान को आपसे कोई नहीं छीन सकता है। हमने किशोरी रमन इंटर कॉलेज हाई स्कूल जैसे संस्थानों का निर्माण करके लड़कियों की शिक्षा का विकास करने तथा भारत के समान एवं समावेशी विकास को बेहतर बनाने में सहयोग दिया है।”
संगिनी सहेली की संस्थापक प्रियल भारद्वाज ने कहा कि “शिक्षा, लड़कियों को तथ्यों एवं सूचनाओं पर आधारित निर्णय लेते हुए, सीखने और अपना कौशल बढ़ाने का, मंच प्रदान करती है। इसके अलावा, शिक्षा उन्हें नौकरी हासिल करने के लिए प्रोत्साहन देती है, ताकि वे खुद की और अपने परिवार की मदद कर सकें। मुझे खुशी है कि मैं किशोरी रमन इंटर कॉलेज हाई स्कूल के पुनर्निर्माण टीम का हिस्सा हूं। मेरी राय में, समाज को आगे बढ़ाने में, प्रारंभिक शिक्षा जरूरी एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जब एक लड़की शिक्षा हासिल करती है, तो वह सशक्त बनती है। मथुरा महिला सशक्तिकरण का गवाह है, उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए वचनबद्ध है, और मथुरा ने बालिका शिक्षा, विशेष रूप से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और आम जनसमुदायों की लड़कियों की शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई है। आशा करते हैं कि हम मथुरा की लड़कियों को शिक्षा का अवसर देना जारी रखेंगे, ताकि वे अपने जीवन में आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें।”
प्रियल भारद्वाज अपने एनजीओ संगिनी सहेली के जरिये महिलाओं और युवा लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर उनके समग्र कल्याण के लिए जागरूकता फैलाने और कार्यशालाएं आयोजित करने में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं। प्रियल भारद्वाज का उद्देश्य लैंगिक असमानता की समस्या को मिटाने के लिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।

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