स्वागत गेट का प्लेट उखड़ा, दिख रहा कबाड़ जैसा

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । राजधानी रायपुर से गरियाबंद देवभोग जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में त्रिवेणी संगम पुल को पार करने के बाद जैसे ही हम शहर में कदम रखते हैं कबाड़ जैसा स्वागत गेट का दर्शन होता है। यह द्वार फॉरेस्ट नाका से चंद कदम आगे है। मजबूती के साथ दो खंभों में खड़ा हुआ यह द्वार शहर की सुंदरता पर चार चांद लगा रहे थे लेकिन अब विकास की पोल खोल रहा है। कहना होगा कि राजिम विधानसभा मुख्यालय है यहां तहसील कार्यालय के अलावा अनुविभागीय का दर्जा प्राप्त है। तहसीलदार से लेकर एसडीएम तथा गिनती के कार्यालय मौजूद है। लंबे चौड़े द्वार पर नीले कलर का प्लेट लगा हुआ था जिसमें एनीकट की जानकारी के अलावा बहुत सारे दिशा निर्देश लिखकर बताई गई थी जिसे पढ़कर बाहर से आने वाले लोगों को पता चलता था कि यहां क्या क्या है। धीरे-धीरे करके प्लेट उखड़ता गया परंतु ध्यान किसी का नहीं गया और समय के साथ साथ पूरी प्लेट नीचे गिर गया बावजूद इसके अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है। यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। सबसे ऊपर में जल ही जीवन है लिखा हुआ है इसे पढ़कर अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह स्वागत गेट जल संसाधन विभाग ने लगाया होगा। अब मात्र लोहे के पट्टी का ढांचा ही बचा हुआ है। उल्लेखनीय है कि राजिम प्रयाग भूमि है यहां प्रसिद्ध भगवान राजीवलोचन का मंदिर है जिसे देखने एवं दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दूर से दर्शनार्थी आते हैं इनके अलावा यहां सातवीं से लेकर 14 वी शताब्दी के अनेक प्राचीन देवालय हैं जिनमें उत्कृष्ट कला नक्काशी का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है इस लिहाज से ना सिर्फ देशभर से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आते हैं ऐसी स्थिति में यह राजिम की सुंदरता पर दाग लगाने का काम कर रही है। स्थानीय लोगों ने शीघ्र इस स्वागत द्वार को दीपावली से पहले चकाचक करने की मांग प्रशासन से की है।

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