The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

ChhattisgarhMISC

सहारा इंडिया की सहयोगी कंपनी के पकड़े गए डायरेक्टरो को क्या पुलिस भेजेगी दुर्ग जेल?

Spread the love

”उदय मिश्रा की रिपोर्ट”


राजनांदगांव । सहारा इंडिया में निवेशकों की रकम वापस नहीं करने पर थाना कोतवाली पुलिस ने सहारा इंडिया के 04 डायरेक्टरों को लखनऊ से किया गिरफ्तार कर बड़ी उपलब्धि हासिल तो की पर गिरफ्तार आरोपियों को जेल के बजाए बसंतपुर के शासकीय अस्पताल में इलाज के बहाने जेल से बचाने कि जो साजिश रची रची गई वह चौंकाने वाली है सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की सहारा इंडिया के सहयोगी कंपनी में जिले भर के कई निवेशकों एवं अभिकर्ताओं द्वारा रूपये जमा करवाया गया था परंतु उनकी मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर भी उनका रकम उन्हें वापस नहीं कर रहे हैं जिससे निवेशक और अभिकर्तागण परेशान थे उनकी शिकायत पर उक्त कृत्य जो धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की परीधि में आने पर थाना कोतवाली राजनांदगांव में सहारा इंडिया के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा चिटफण्ड मामलों में कड़ी कार्यवाही करने हेतु लगातार निर्देश दिये जाते रहे हैं। सहारा इंडिया के खातों एवं बैंकों में जमा रकम की जानकारी एवं आरोपी डायरेक्टरों के संबंध में जानकारी सायबर सेल के सहयोग से एकत्र की गई तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में उप पुलिस अधीक्षक नासिर बाठी के नेतृत्व में थाना कोतवाली पुलिस एवं सायबर सेल की टीम लखनऊ उत्तरप्रदेश जाकर सहारा इंडिया के सहयोगी कंपनी – सहारियन यूनिवर्सल मल्टिपरपस सोसायटी लिमिटेड के 02 आरोपी डायरेक्टर

  • (1) मोहम्मद खालिद उम्र 62 साल निवासी लखनऊ
    (2) शैलेस मोहन सहाय उम्र 62 साल निवासी लखनऊ एवं सहारा क्यू-शाप युनिक प्रोडक्टश रेंज लिमिटेड के 01 आरोपी डायरेक्टर – कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार कर राजनांदगांव लाया गया जिन्हें माननीय न्यायालय पेश किया गया। जहां पर राजनांदगांव जिले के निवेशकों को 15 करोड़ की राशि वापस करने संबंधी शपथ पत्र कंपनी द्वारा दिया गया है। विद्वान न्यायाधीश ने जमानत देने से इनकार किया और आरोपियों को जेल जाना था पर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की मेहरबानी से आरोपियों को अस्वस्थ बताकर अस्पताल दाखिल करा दिया गया सबसे बड़ा गंभीर सवाल ये उठता है कि आखिर इन आरोपियों के प्रति इतनी नरमी क्यों दिखाई जा रही है और एक साथ चारों आरोपी कैसे बीमार पड़ गए यह भी जांच का विषय है और अगर बीमार भी हुए तो दुर्ग जेल में दाखिल क्यों नहीं कराया जा रहा है जहां पर अस्पताल की भी जेल के भीतर व्यवस्था है।
    आरोपी अस्पताल में कर रहे हैं आराम
    निवेशकों की राशि हजम कर देने के आरोप में के आरोप बड़ी मुश्किल से सूज बूझ के साथ पुलिस ने लखनऊ से आरोपियों को धर दबोचा उनके रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका रसूख लखनऊ से लेकर राजनांदगांव तक असर दिखा रहा है। ना किसी को सलाइन चढ़ी पर आरोपियों को 17, 18, 19 ,20 नंबर के बिस्तर डॉक्टरों के द्वारा जेल का दाखिला के पहले डॉक्टरों ने मरीज घोषित कर दिया और इन्हें शासकीय अस्पताल बसंतपुर में बाकायदा मेडिकल वार्ड में एडमिट भी कर दिया गया है। सवाल यह खड़ा होता है कि चारों आरोपी एक ही समय एक साथ आखिर कैसे बीमार पड़ गए यह लगता है । आखिर क्या वजह है कि डॉक्टरों को भी इनकी रिपोर्ट अस्वस्थ बनानी पड़ी न कोई मेडिकल बोर्ड ना ही कोई आरोपियों को चिंता।
    आरोपी बीमार हैं तो दुर्ग जेल में है अस्पताल
    आरोपियों को अगर पुलिस जेल दाखिल कर दी रहती तो निश्चित रूप से अगर वह बीमार भी है तो बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें दुर्ग जेल में इलाज हेतु संपूर्ण सुविधा अस्पताल के रूप में मौजूद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *