मजदूरों को राजनैतिक लड़ाई में हिस्सेदादारी करने की आवश्यकता है
“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर। मजदूरों की राजनैतिक लड़ाई से पूंजीपति वर्ग आकंतिक होते है इसलिए पूजिपति वर्ग मजदूरों को राजनैतिक लड़ाई से दूर रहने की बातें प्रचारित करते है।अमेरिका के शिकागो शहर में दिन में 8 घंटे काम की मांग पर जो प्रदर्शन मजदूरों ने किया था वो एक राजनैतिक मांग थी।क्यों कि यह मांग सिर्फ एक उद्योग तक सीमित नहीं था ये देश की सरकार से कानून बनाने की मांग थी।आज कांकेर के नई कम्युनिटी हॉल मे मई दिवस पर आयोजित एक विचारगोष्ठी को संबोधित करते हुए मजदूर नेताओं ने कहा।नेतायों ने कहा कि आज दुनियां भर में आर्थिक संकट का दौर चल रहा है और पूंजीपति वर्ग इस आर्थिक संकट से उभरने के लिए मजदूरों पर अधिक से अधिक बोझ डाल रहे है।देश की सरकार पूंजीपति वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए वे सरकार के माध्यम से अपनी मुनाफा को बदाने के लिए मजदूर विरोधी नए नए कानून बना रहे है।नेताओं ने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा कि देश की राजनीति में आज मजदूर वर्ग का प्रतिनिधित्व न के बराबर है और इसलिए देश में एक सांप्रदायिक विचारधारा को मानने वाली पार्टी सत्ता पर काबिज है। जो नफरत और विभाजन पैदा कर शोषित जनता की एकता को कमजोर कर रही है।मजदूर नेताओं ने मजदूरों को अपनी राजनैतिक पार्टी को पहचान कर उस पार्टी में शामिल होकर राजनैतिक लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान किया है।उनका कहना था कि देश की नीतियां सरकार बनाती है।आज सरकार श्रम कानूनों को खत्म कर रही इसके खिलाफ एक या कुछ क्षेत्र के मजदूरों की लड़ाई पर्याप्त नहीं है क्यों कि सरकार की इस मजदूर विरोधी नीति को तभी बदलना संभव होगा जब इस सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सकेगा।अब श्रम कानून लागू करने की लड़ाई लड़ेंगे और अगर राजनैतिक रूप से उसी पार्टी को समर्थन या वोट देंगे जो श्रम कानूनों को खत्म करना चाहते है तो हमारी लड़ाई कभी सफल नहीं हो सकती है।मई दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए नेताओं ने कहा कि मालिक पक्ष अपनी मुनाफा की हवस में मजदूरों के संगठित आंदोलन को कुचलना चाहते है क्योंकि वे इस बात से भलीभांति अवगत है कि ट्रेड यूनियन कम्युनिज्म का प्रशिक्षण केंद्र है।ट्रेड यूनियन में लड़ाई करते करते अपने अनुभव से मजदूर समझ जाता है कि पूजीवाद मजदूरों को शोषण से कभी आजाद नही होने देती है।मजदूरों का शोषण से मुक्ति समाजवादी व्यवस्था में ही निहित है। पूजीपति से लड़कर मजदूर कुछ आर्थिक लाभ अर्जित कर सकता है लेकिन शोषण के जंजीर को नही तोड़ सकता है।आज के कार्यक्रम में राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन,राजमिस्त्री पेटी ठेकेदार कल्याण संघ,छत्तीसगढ़ ट्रांसपोर्ट इम्प्लॉइज यूनियन के भारी संख्या के श्रमिक उपस्थित थे।