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नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं ने कोरबा के देवरमाल के राहिल को दिलाई कुपोषण से आजादी

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा। जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं से ग्राम देवरमाल के राहिल पटेल को कुपोषण से मुक्ति मिली है। राहिल के पिता प्रवीण पटेल खेती किसानी करते थे लेकिन राहिल के जन्म के कुछ ही दिनों बाद दुर्भाग्य से कोरोना की दूसरी लहर में उनका देहांत हो गया। जन्म के समय राहिल का वजन ढाई किलो था और वह सामान्य श्रेणी में था। लेकिन जन्म के कुछ समय बाद राहिल बीमार पड़ गया और वह कुपोषण की श्रेणी में आ गया। माँ ललिता पटेल किसी तरह राहिल का पालन-पोषण कर रही थी। इसी बीच देवरमाल के आंगनबाडी केंद्र की महिला कार्यकर्ता को इसकी जानकारी मिली। आंगनबाडी कार्यकर्ता ने घर जाकर राहिल की माँ ललिता पटेल से भेंट किया और आंगनबाडी केंद्र में मिल रही स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं की जानकारी दी। आंगनबाडी केंद्र द्वारा प्रबल योजना के माध्यम से राहिल को नियमित रूप से अंडा, लड्डू एवं अन्य पोषक आहार दिया गया। आंगनबाडी कार्यकर्ता की सलाह मानकर मां ललिता राहिल को लेकर प्रतिदिन आंगनबाडी केंद्र आने लगी। आंगनबाडी केंद्र में पर्यवेक्षक एवं कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित सलाह के साथ-साथ राहिल को केंद्र से पूरक-पोषण आहार भी दिया गया। माँ ललिता ने भी विशेष ध्यान देते हुए राहिल को नियमित रूप से दूध, अंडा, मौसमी फल एवं पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों का सेवन कराया। आंगनबाडी केंद्र से मिली सुविधाओं एवं विशेष देखभाल से राहिल धीरे-धीरे कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आ गया। सिर से पति का साया उठ जाने से मां ललिता अकेली पड़ गयी थी। लेकिन आंगनबाडी केंद्र की महिला कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षको ने संरक्षक की भूमिका में आकर जरूरी मदद किया जिससे राहिल कुपोषण से मुक्त हो गया। अपने बच्चे को स्वस्थ देखकर माँ ललिता पटेल ने खुशी व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली सुविधाओं के लिए आभार व्यक्त किया।

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