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अंबेडकर वार्ड में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि गरिमा व सादगी के साथ मनाई गई

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“सुभाष रतनपाल की रिपोर्ट”

जगदलपुर/बस्तर। जिला कांग्रेस कमेटी शहर द्वारा अंबेडकर वार्ड में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि सादगी और गरिमा के साथ मनाई गई। तत्पश्चात अपने उद्बोधन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने डॉ.साहब के विचारों से अवगत कराते बताया कि संविधान निर्माण में बाबा भीम राव आंबेडकर ने अहम योगदान निभाया। बाबा भीमराव आंबेडकर को अपने शुरूआती जीवन में काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने तभी ठान लिया था कि वो समाज को इस कुरीति से मुक्ति दिलाने के लिए तत्पर रहेंगे। डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में 14 अप्रैल सन् 1891 को हुआ था और 6 दिसंबर 1956 को उनका देहावसान हुआ था। हमें जो स्वतंत्रता मिली हैं यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली हैं। जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है। महापौर सफीरा साहू ने संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर जी को को नमन कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते कहा कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी ने कहा कि “स्‍वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्‍यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है। शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरषों के लिए ज्ञान हर व्‍‍यक्ति के जीवन का आधार है. पुरुष नश्वर हैं. तो विचार हैं. अतः एक विचार को प्रसार की आवश्यकता होती है जितना एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। वरिष्ठ कांग्रेसी सतपाल शर्मा, कैलाश नाग,बी ललिता राव ने भी डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर अपने विचार रखते हुए कहा कि राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है। समाज को बदनाम करने वाले सुधारक सरकार को नकारने वाले राजनेता की तुलना में अधिक अच्छे व्यक्ति हैं।

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