संतकवि पवन दीवान के सपनों का राजिम जिला कब बनेगा,आखिर कब होगा पवन दीवान के सपने पूरे
राजिम। संत कवि पवन दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए पृथक छत्तीसगढ़ की मांग को जोर-शोर से उठाया। नतीजा सन 2000 में हमें छत्तीसगढ़ राज्य मिल गया। पश्चात उन्होंने राजिम को जिला बनाने की मांग उठाते रहे। तब धार्मिक जिला बनाने की बात उभर कर सामने आए। इस पर दीवान ने साफ कहा था कि हमने आज तक कहीं कोई धार्मिक जिला नहीं सुना है। वह पूर्ण राजस्व जिला की मांग पर अड़े रहे। सन् 2014 में उनके चले जाने के बाद जिला की मांग सुस्त पड़ गई थी। हालांकि आम जनता राजिम को जिला बनाने के लिए मांग करते आ रहे हैं पर यह मांग शासन प्रशासन तक शायद अभी तक नहीं पहुंची है। उनके प्रमुख तीन सपनों में पहला छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हो गया। दूसरा मां कौशिल्या की जन्मभूमि चंद्रखुरी को विकसित करने की थी जिन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार यहां विकास की कहानी गढ़ रहे हैं। तीसरा राजिम को जिला बनाना। जिस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। जिनके सपनों को पूरा करने वाला अभी तक कोई नहीं मिला है।छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही 16 जिला से 32 जिला हो गए और उसमें अभी तक राजिम का क्रम नहीं आया है जो चिंता का विषय बन गया है। राजिम शहर त्रिवेणी संगम के तट पर स्थित है। धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं राजनीतिक नगरी होने के बाद भी जिला का नहीं बन पाना यहां के लोगों को आज भी खल रहा है। हमने अलग अलग अनेक लोगों से चर्चा किया तब यह बात सामने आया कि निहायत ही राजिम का जिला बनना बहुत जरूरी है। व्हाट्सएप, फेसबुक, ब्लॉग पर इन दिनों राजिम को जिला बनाने की मांग जोरों पर है। अंचल के रेख साहू इस विषय पर लिखते हैं कि राज्य निर्माण के समय से ही राजिम को जिला बन जाना चाहिए था परंतु विडंबना है आज तक पवित्र नगरी जिला नहीं बन पाया। तत्कालीन सरकार से अनुरोध है कि राजिम को जिला बनाकर पवन दीवान के सपनों को पूरा करें।इसी तरह से तुला साहू, राज बांधे, लीलेंद्र कुमार, महेश मांडले, मुकेश साहू, संतोष सोनकर,भीखम सोनकर आदि ने कहा कि राजिम का इतिहास स्वर्णिम पन्नों में अंकित है जहां तीन नदियों का संगम है कुंभ मेला लगता है जो एक पवित्र नगरी है शीघ्र जिला बनना चाहिए। वैसे भी इसे बहुत पहले बन जाना चाहिए था जो अब तक नहीं बना है। ऐसे ही अनेक बातें उभर कर सामने आ रहे हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन के द्वारा इस संबंध में कोई सकारात्मक कार्य नहीं हुए हैं मात्र लोग सोशल, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा अपनी बात सरकार तक पहुंचाने में लगे हुए हैं परंतु कोई ठोस परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं। नदी के दोनों पाट दो शहर बसा हुआ है दोनों में एक नवापारा नगर पालिका परिषद है तो राजिम नगर पंचायत है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले ही कई वर्षों पुरानी है नगर पालिका परिषद। वहीं राजिम नगर पंचायत भी बीसो साल हो गए हैं। नयापारा और राजिम दोनों व्यापारिक नगरी है यहां दूर-दूर से लोग थोक में सामान खरीदने के लिए आते हैं। पूरे मगरलोड ब्लाक, फिंगेश्वर, छुरा, गरियाबंद, देवभोग तथा उड़ीसा के लोग भी यहां खरीदारी के लिए आते रहते हैं। धार्मिक मामले पर देशभर के लोग यहां के मंदिरों में दर्शन संगम में स्नान आदि के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। लोगों का स्पष्ट कहना है कि जिला बनने से न सिर्फ शहर का बल्कि ग्रामीण इलाकों का भी तेजी के साथ विकास होगा।