“किरंदुल की बेटी स्नेहा के सपनों को एएमएनएस ने दिया पंख, नर्स बनकर करेगी ग्रामीणों की सेवा”
किरंदुल। “शिक्षा ही शक्ति है” और यह समाज के विकास में हमारे योगदान, व्यक्तिगत आर्थिक विकास और सफलता प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। एएम/एनएस इंडिया की पहल “ज्ञान ज्योति पुरस्कार” के तहत बहुत से छात्रों के जीवन में नई रोशनी आई है। किरंदुल निवासी स्नेहा शर्मा भी उन्हीं छात्रों में से एक है जिन्हें ज्ञान ज्योति पुरस्कार मिला है। स्नेहा शर्मा के पिता नहीं हैं, उनकी माँ सुनीता शर्मा खराब आर्थिक स्थिति के कारण स्नेहा की ट्यूशन फीस जमा नहीं कर पा रहीं थी. जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कलेक्टर दंतेवाड़ा के सहयोग से सीएसआर टीम एएम/एनएस इंडिया ने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत बेहतर एवं उच्च शिक्षा हेतु चार साल में तीन लाख पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए स्नेहा का चयन किया। इस सहयोग से स्नेहा ने हैदराबाद के नर्सिंग कालेज से बीएससी नर्सिंग की चार साल की पढ़ाई पूरे लगन और मेहनत से पूरी करते हुए आज स्थानीय अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही है। स्नेहा के अनुसार ग्रामीण इलाकों में नर्स पिछड़े और अलग-थलग समुदायों के लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वह उन सभी लोगों की सेवा करने के लिए बहुत उत्सुक है।
“प्रतिभाशाली युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है”ज्ञान ज्योति पुरस्कार”।
दंतेवाड़ा जिले के अधिकांश गांव आदिवासी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जहां शिक्षा पहुँचाना और उन्हें शिक्षित करना आज भी एक बड़ी चुनौती है। जिसके कारण आदिवासी क्षेत्रों में कई प्रतिभाएं संसाधनों के अभाव, आर्थिक समस्या और सही मार्गदर्शन के बिना पीछे रह जाती।

