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संशोधित /ब्रेकिंग :माईन्स में लगे दो वाहन व सफारी, बोलेरो को नक्सलियों ने किया आग के हवाले

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”नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर।
रविवार रात्रि करीब 2 बजे चरगांव माइंस में अज्ञात बंदूकधारियों ने आकर वहां खड़ी दो हाईवा को पूरी तरह आग के हवाले कर दिया वहीं दो लोडर व माइंस के नीचे एक निजी टपरी नुमा होटल संचालक की एक टाटा सफारी साथ ही एक बोलेरो को पूरी तरह आग के हवाले कर दिया।
कोयलीबेड़ा ब्लाक के चारगांव क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है।
सप्ताहभर पहले चार गांव के पूर्व उप सरपंच सियाराम रामटेके जो अपने खेत में काम कर रहे थे उन्हे अज्ञात लोगों ने गोली मारी थी, किंतु उसमें नक्सली संगठन के हाथ होने की संभावना बताई जा रही है।
जहां तक बस्तर संभाग की बात करें तो एक ही रात में नक्सलियों द्वारा नारायणपुर ओरछा सहित पांच जगहों के माइंसो में जमकर उत्पात मचाया और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है।
नक्सलियों द्वारा समय समय पर अपनी उपस्थिति का एहसास दिलाने अकसर ऐसे वारदातों को अंजाम दिया जाता है, जिससे लोगों में उनके प्रति भय बना रहे,जो सुरक्षा बलों के इन क्षेत्रों में आने के बाद कम होने लगा है।
नक्सली गतिविधियां कुछ महीनों से इस क्षेत्र में अचानक बढ़ी है, कुछ सालों से क्षेत्र में पहले की तरह नक्सली गतिविधियां नजर नहीं आ रही थी किंतु भिलाई स्टील प्लांट के शुरू होने के बाद, रावघाट एरिया दलम काफी सक्रिय नजर आ रहा है, कहीं ना कहीं सुरक्षाबलों के आने के बाद क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर काफी अंकुश लगाया गया है, शायद यही वजह है नक्सली अपने खोते वर्चस्व को पाने पुनः अपनी उपस्थिति इस क्षेत्र में दिखा रहे हैं।
बता दें नक्सलियों ने रविवार रात्रि करीब 2 बजे इस घटना को अंजाम दिया उस वक्त छत्तिसगढ़ आर्म्स फोर्स का जवान जो आगजनी वाले स्थान से महज 100 मीटर की दूरी में अपने मोर्चे पर से आगजनी की घटना को देख रहा था, चूंकि रात का समय था और इतनी दूरी से समझ नही आ रहा था की माइंस के कर्मचारी है या कोई और, किंतु जब गाड़ियों में आग लगाई गई तो मोर्चे पर तैनात सुरक्षा जवान ने हवा में फायर किया, सुरक्षा कर्मी को इस बात का डर था की नक्सलियों ने अपने साथ अपनी सुरक्षा के लिए माइंस कर्मियों को रखा हो ऐसी स्थिति में सीधे फायर करने से किसी को भी नुकसान हो सकता था।
सुरक्षा कर्मी के फायर के बाद नक्सली वहां किसी और बड़ी घटना को अंजाम नही दे पाये जबकि वहां अन्य आधुनिक गाड़ियां खड़ी थी साथ ही डीजल के ड्रम भी रखे हुए थे।
मौके पर पहुंचे अंतागढ़ के एडिशनल एसपी खोमन सिन्हा ने बताया की सामान्य ग्रामीणों की वेशभूषा में नक्सली रात करीब 2 बजे आये और इस घटना को अंजाम दिया, उन्होंने बताया की मोर्चे पर तैनात जवान की सूझ बूझ की वजह से कोई बड़ा नुकसान नहीं हो पाया, एडिशनल एसपी ने बताया की क्षेत्र में सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव की वजह से नक्सली ऐसी गतिविधियां कर रहे है जिससे वो लोगों पर दबाव बना सकें।
बता दें 2014 के बाद से चारगांव माइंस में यह दूसरी घटना है जब नक्सलियों ने माइंस में लौह अयस्क परिवहन करने वाले करीब 21 ट्रकों को आग के हवाले किया था, ऐसे ही कुछ इरादों के साथ आये नक्सली मोर्चे पर तैनात कर्मी की वजह से शायद वैसी घटना को अंजाम नही दे पाये।

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