The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

ChhattisgarhMISC

करीब ढाई से तीन लाख जनता की एक ही मांग बने राजिम जिला

Spread the love

“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। तीर्थराज प्रयाग नगरी राजिम को क्षेत्र की करीब ढाई से तीन लाख जनता जिला के रूप में देखना चाह रही हैं। सबसे पुरानी और ऐतिहासिक मांग रही है कि शीघ्र राजिम जिला बने तथा क्षेत्र विकास के पथ पर तेजी के साथ अग्रसर हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आने का इंतजार बड़ी बेसब्री से हो रही हैं। 5 दिसंबर मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर बड़े उत्साहित है। वैसे भी यहां के विधायक एवं प्रदेश के प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अमितेश शुक्ला ने 6 नवंबर को पीडब्ल्यूडी विभाग के रेस्ट हाउस में हुई सर्वदलीय बैठक में क्लियर कर दिया था कि जब भी मुख्यमंत्री का जिले में प्रवास होगा मैं जोर-शोर से राजिम जिला की मांग उठाऊंगा। जनता अमितेश शुक्ला की ओर टकटकी लगाए हुए इंतजार कर रही हैं कि ढाई लाख जनता की आवाज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने अमितेश शुक्ला बने। बताना होगा कि शुक्ला परिवार का गत कई वर्षों से राजिम विधानसभा से जीतकर पंडित श्यामाचरण शुक्ला अविभाजित मध्यप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री बने तो पुत्र अमितेश शुक्ल छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा वर्तमान में विधायक है। लोकसभा चुनाव में भी विद्याचरण शुक्ला राजिम विधानसभा क्षेत्र से लीड करते रहे। विडंबना रही है कि अभी तक छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े तीर्थ स्थल राजिम जिला नहीं बन पाया है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़िया संस्कृति एवं लोगों की तकलीफ को समझते हुए हर असंभव कार्य को संभव कर रहे हैं। यहां की जनता को पूरा विश्वास है कि इस बार राजिम जिला की मांग जरूर पूरी होगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ से जितने भी पूर्व मुख्यमंत्री हुए हैं उनके निर्वाचन क्षेत्र को जिला बना दिया है चाहे वह मरवाही हो या फिर खैरागढ़। अब तो मात्र राजिम ही बचा हुआ है। इसे जिला बनाकर भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ से नहीं बल्कि पूरे देश में एक नया इतिहास रच सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पृथ्वी पर मात्र चार स्थानों पर कुंभ पर्व लगता है जहां लंबी अवधि तक मेला भरता है उसके बाद यदि कहीं कोई सबसे ज्यादा दिनों तक मेला लगता है तो वह छत्तीसगढ़ का प्रयाग भूमि राजिम है। यहां माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक 15 दिनों के लिए माघी पुन्नी मेला छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास से लगातार लग रही है जिसमें लाखों की संख्या में लोग माघ पूर्णिमा एवं महाशिवरात्रि को पुण्य स्नान कर लाभ कमाते हैं। कहना होगा कि देशभर के जितने भी बड़े तीर्थ स्थल है सभी जिला के रूप में अस्तित्व में आ चुके हैं बचा है तो मात्र राजिम तीर्थ स्थल।पंचकोशी शिवपीठ राजिम जिले में होराजिम के पांच कोस की दूरी पर स्थित पांच शिव पीठ पटेवा में पटेश्वरनाथ महादेव, चंपारण में चंपकेश्वर नाथ महादेव, बम्हनी में ब्रह्मकेश्वरनाथ महादेव, फिंगेश्वर में फणीकेश्वर नाथ महादेव, कोपरा में कर्पूरेश्वरनाथ महादेव तथा मूल में विश्व के प्रसिद्ध माता सीता द्वारा स्थापित संगम के मध्य स्थित पंचमुखी कुलेश्वर नाथ महादेव की परिक्रमा अत्यंत पुण्य माना गया है जिस तरह से उत्तरप्रदेश में 84 कोसीय यात्रा होती है उसी तरह से कमलक्षेत्र पद्मपूरी राजिम में पंचकोशी परिक्रमा की अत्यंत प्राचीन परंपरा है। यह सभी शिवपीठ वर्तमान में अलग-अलग जिले पर स्थित है इनमें से पटेवा एवं चंपारण में स्थित महादेव रायपुर जिले में हैं। बम्हनी में स्थित महादेव महासमुंद जिले में स्थित है तथा फिंगेश्वर एवं कोपरा के महादेव गरियाबंद जिले में है। यह सभी शिवपीठ राजिम जिले में आ जाए तो दर्शनार्थियों को सुविधा होगी तथा परिक्रमा करने में सरलता भी होगी। राजिम से सभी की दूरी चारों दिशाओं में 15 से 20 किलोमीटर की अंतराल में है।तीर्थ स्थलों से लबरेज होंगे राजिम जिलाराजिम जिला के अस्तित्व में आने पर यह तीर्थ स्थलों से लवरेज होगा। देशभर के प्रसिद्ध भगवान राजीवलोचन की नगरी राजिम पर्यटकों एवं पुरातत्व की महत्वपूर्ण भूमि रही है। यहां उत्कीर्ण मंदिरों में शिलालेख से छत्तीसगढ़ में कलचुरियों के शासन की जानकारी मिलती है। इनके अलावा प्रसिद्ध देवीय स्थल एवं लोथल के समय के प्राचीन बंदरगाह के अवशेष सहित अनेक दर्शनीय स्थल यहां होंगे जिससे छत्तीसगढ़ राज्य को अच्छी खासी राजस्व भी मिलेगी।जिले में हो सकते हैं 300 से भी ज्यादा गांवराजिम जिले में अकेले फिंगेश्वर ब्लॉक को ही ले लीजिए इसमें कुल 72 पंचायत तथा सैकड़ों गांव है। इसी तरह से अभनपुर ब्लॉक तथा छुरा ब्लॉक एवं मंगरलोड ब्लॉक के गांव को मिला दिया जाए तो 300 से भी अधिक गांव होंगे। जानकारी के मुताबिक राजिम एवं नवापारा शहर में नब्बे हजार से भी अधिक जनसंख्या है। इस तरह से ढ़ाई से तीन लाख से भी अधिक की जनसंख्या हो सकती है।राजिम नवापारा दोनों शहर में लेनदेन के लिए सैकड़ों गांव के लोग पहुंचते हैंराजिम एवं नवापारा दोनों शहर में खरीदी बिक्री के लिए सैकड़ों गांव के लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं इनमें से मगरलोड ब्लाक के पचासो गांव, छुरा ब्लॉक के अनेक गांव सहित अभनपुर एवं फिंगेश्वर ब्लॉक के टोटल लेनदेन यहीं से होती है। यहां 100 से भी ज्यादा राइस मिल है जिनके द्वारा बेरोजगारों को रोजगार मिला हुआ है साथ ही चावल का आयात निर्यात बड़ी संख्या में देश-विदेश में होते हैं। कल कारखाने एवं दुकाने तथा अनेक ऐसे कार्य जिनसे बेरोजगारों को रोजगार मिला हुआ है। जिला बनने से विकास को गति मिलेगी।मुख्यमंत्री से हैं जबरदस्त उम्मीदयहां की जनता की उम्मीद मुख्यमंत्री के प्रति जबरदस्त लगी हुई है। कका किसी को निराश नहीं कर रहे हैं जिन्होंने जैसा भी कहा उनको वह पूरा करते आ रहे हैं प्रयाग नगरी की जनता को भी पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम को अवश्य जिला बनाएगी और लाखों जनता की मुराद पूरी करेगी। राजिम जिला की मांग प्रमुख एवं हर वर्ग के लोगों की है। विद्यार्थी से लेकर किसान, मजदूर, मिस्त्री, कर्मचारी, संगठन, व्यापारी संघ, अधिवक्ता संघ, राजनेता, जनप्रतिनिधिगण इत्यादि की उम्मीद को बघेल तोड़ नहीं सकते। 5 एवं 6दिसंबर का दिन राजिम के इतिहास में एक नया अध्याय की उम्मीद में लोग आंखें बिछाए हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *