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एमपी में निजी स्कूल शिक्षकों के लिए एकेडमिक ट्रिब्यूनल

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ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने निजी शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों की समस्याओं से जुड़ी जनहित याचिका पर अहम सुनवाई की और शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर जोर दिया। हाईकोर्ट ने राज्य के प्रत्येक जिले में “एकेडमिक ट्रिब्यूनल” स्थापित करने पर विचार करते हुए सरकार को चार सप्ताह में एकेडमिक ट्रिब्यूनल लागू करने की तैयारी पर पूर्ण प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, ट्रिब्यूनल के गठन से पहले अंतरिम व्यवस्था के तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को अपील सुनने के लिए अधीसूचित किया गया है।
जनहित याचिका में शिक्षक संघों ने सुप्रीम कोर्ट के 2002 के प्रसिद्ध फैसले “टीएमए पे फाउंडेशन बनाम स्टेट ऑफ कर्नाटक” के निर्देशों के पालन की मांग की थी, जिसमें प्रत्येक जिले में एकेडमिक ट्रिब्यूनल की स्थापना अनिवार्य बताई गई थी ताकि प्राइवेट स्कूल और कॉलेज के शिक्षक अपनी शिकायतों का समाधान करा सकें। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विधि विभाग ने 12 नवंबर 2025 को SOP तैयार कर रजिस्ट्रार जनरल को भेजा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक ट्रिब्यूनल तैयार नहीं होता, तब तक जिला और सत्र न्यायाधीश अपील सुनने के लिए अंतरिम रूप से अधीसूचित रहेंगे। अगली सुनवाई 14 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।

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