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एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाने वाली अवनि लेखारा ने टोक्यो पैरालिंपिक में साधा गोल्ड पर निशाना

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नई दिल्ली/रायपुर। अवनि लेखारा ने टोक्यो पैरालिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 और निशानेबाजी में भारत का पहला पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने फाइनल में 249.6 के कुल स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस स्कोर के साथ उन्होंने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।

इस जीत के साथ, 19 वर्षीय खिलाड़ी ने पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया। अवनी पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने वाली चौथी भारतीय एथलीट हैं। पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले अन्य खिलाड़ी तैराक मुरलीकांत पेटकर (1972), भाला फेंकने वाले देवेंद्र झाझरिया (2004 और 2016) और हाई जम्पर थंगावेलु मरियप्पन (2016) थे। जीत के बाद अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए अवनी ने कहा कि “मैं इस भावना का वर्णन नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं दुनिया के शीर्ष पर हूं। इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती।

अवनि लेखारा के पिता ने कहा प्रवीण लेखरा ने कहा की एक्सीडेंट के बाद बेटी पूरी तरह टूट चुकी थी। चुप रहने लग गई थी। किसी से बात नहीं करती थी, पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी। इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ कर नहीं पाती थी। किस खेल में इसे इन्वॉल्व करूं यही सोचता रहता था, एथलेटिक्स में नहीं भेज सकते थे, क्योंकि जान नहीं बची थी। आर्चरी में कोशिश की, मगर प्रत्यंचा ही नहीं खींच पाई। इसके बाद शूटिंग में कोशिश की, पहली बार तो इससे गन तक नहीं उठी थी, मगर आज इसकी वजह से टोक्यो पैरालिंपिक के पोडियम पर राष्ट्रगान गूंजा।

“मनीष कुमार की रिपोर्ट”

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