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भाजपा ने लगाए वन्देमातरम को लेकर नेहरू पर गंभीर आरोप

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नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि 1937 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस ने जानबूझकर राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को छोटा कर दिया था। उन्होंने कहा कि नेहरू ने मां दुर्गा की स्तुति वाली पंक्तियां हटा दी थीं, ताकि कुछ समुदायों को खुश किया जा सके। केसवन ने अपनी X पोस्ट में लिखा, ‘हमारी नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि नेहरू की अध्यक्षता वाली कांग्रेस ने अपनी सांप्रदायिक राजनीति के चलते 1937 के फैजपुर अधिवेशन में सिर्फ़ वंदे मातरम के पहले 2 छंद ही अपनाए। बाकी छंद, जिनमें मां दुर्गा की जय-जयकार थी, उन्हें हटा दिया गया।’
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदिरा गाँधी इंडोर स्टेडियम में मूल वंदे मातरम के सामूहिक पाठ के साथ इसके 150वें साल का उद्घाटन किया है। वंदे मातरम किसी एक धर्म या भाषा की संपत्ति नहीं है। यह हमारी मातृभूमि की जयगाथा है, यह गुलामी के दौर में देशभक्ति की आवाज थी। अंग्रेजों ने इसे गाना अपराध घोषित कर दिया था। इस सम्बन्ध में कांग्रेस ने ऐतिहासिक अक्षम्य गुनाह किया है। उन्होंने 20 अक्टूबर 1937 का नेहरू का नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लिखा पत्र भी साझा किया। उसमें नेहरू ने लिखा था कि वंदे मातरम का बैकग्राउंड मुसलमानों को चिढ़ा सकता है। उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिक लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। जबकि नेताजी पूरे गीत को अपनाने के पक्ष में थे। केसवन ने लिखा, ‘1 सितंबर 1937 के पत्र में नेहरू ने तंज कसते हुए कहा कि वंदे मातरम को देवी से जोड़ना बेतुकी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के लिए उपयुक्त नहीं है।
वंदे मातरम बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास ‘आनंदमठ’ में लिखा गीत है। यह आजादी की लड़ाई का प्रतीक बना, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को इसमें हिंदू राष्ट्रवाद दिखता था।

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