11 जवानों की शहादत पर बोले बृजमोहन….नक्सली रोज ले रहे निर्दोषों की जान और मुखिया को दरबार लगाने से फुर्सत नहीं
रायपुर। 26/04/2023/दंतेवाड़ा के नक्सली हमले में 11 जवानों की शहादत पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व गृह मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह घटना निश्चित रूप से नक्सलियों का कायराना कृत्य है जो हमारे लिए अलार्मिंग है।उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हम प्रदेशवासियों की रक्षा के लिए दी गई इन वीरों की शहादत बेकार नहीं जाएगी निश्चित रूप से उन्हें कड़ा जवाब दिया जाएगा। साथ ही बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ सरकार की लापरवाही का ही परिणाम है। हमने सरकार को लगातार नक्सलवाद के विषय पर गंभीर होने की हिदायत भी दी थी। बीते विधानसभा सत्र के दौरान भी हमें नक्सलवाद का मुद्दा उठाते हुए सरकार की तैयारियों को उनकी कार्यशैली को नाकाफी बताते हुए जानकारी सामने रखी थी। कुछ दिनों पहले विधायक के काफिले पर हमला भी हुआ था।उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना सुरक्षा में चूक का ही परिणाम है। क्योंकि फोर्स जब भी गुजरती है तो उसकी आगे ओपनिंग पार्टी चलती है। फिर भी यह बम ब्लास्ट की घटना हो गई। सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन नक्सली मुखबिर के नाम पर एक हत्या करते हैं।बावजूद सरकार गंभीरता से उन घटनाओं को नहीं लेती। मुख्यमंत्री को दरबार लगाने से फुर्सत नहीं है और गृह मंत्री को छोटी सी भी जानकारी प्रदेश व नक्सलवाद पर नहीं है।उन्होंने कहा कि साढे 4 साल में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने नक्सलवादियों के खिलाफ एक भी बड़ी कार्यवाही नहीं की किसी भी कोर नक्सली को नहीं मार गिराया। नक्सलियों को मारने की खबर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा से आती है परंतु छत्तीसगढ़ की सरकार जो नक्सलियों के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं उसका ही परिणाम है कि हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और जनता में भय व्याप्त है।साथ ही उन्होंने कहा कि आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसर छत्तीसगढ़ में ताश के पत्तों की तरह फेटे जा रहे हैं। किसी भी स्थान पर कार्य करते हुए जब उन्हें सब कुछ समझ आता है तब तक सरकार उनकी रवानगी तय कर देती है। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले नक्सली इस तरह की घटनाएं करते आए हैं जिसे लेकर भी हमने सरकार को आगाह किया था। नक्सलियों में जब भय खत्म हो जाता है तब वे इस तरह की घटनाएं करते हैं। यह बम ब्लास्ट की घटना यह बता रही है कि छत्तीसगढ़ के नक्सलियों में भय कम हो गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए की पूरी ताकत के साथ नक्सलियों के खिलाफ एक सूत्रीय अभियान चलाए कर उनकी संपूर्ण समाप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए।