ओबीसी को मात्र 6% आरक्षण देकर कर रही धोखा 27% आरक्षण के लिए ओबीसी समाज ने दिया धरना
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। पंडित सुंदरलाल शर्मा चौंक स्थित बस स्टैंड में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज ने संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण देने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। अलग-अलग समाज के पदाधिकारी एवं सामाजिक बंधु बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। उन्होंने 4 सूत्रीय मांगों को लेकर राजिम तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। तय तिथि के अनुसार शनिवार को सर्व पिछड़ा वर्ग समाज ने चार बिंदुओं पर मुख्य रूप से बात रखी, जिनमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज को उनकी आबादी के मुताबिक संविधान प्रदत 27% आरक्षण से वंचित रखा गया है जो कि पिछड़ा वर्ग समाज के साथ घोर अन्याय है जबकि मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग समाज को 27% आरक्षण मिला हुआ है। समाज को उनके अधिकार का आरक्षण प्रदान किया जाए। दूसरे बिंदु के रूप में पिछड़ा वर्ग समाज के छात्र-छात्राओं की अन्य आरक्षित समाज के विद्यार्थियों के समकक्ष समान स्कॉलरशिप एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। वर्तमान में एसटी एससी और ओबीसी छात्रों के बीच असमान सुविधा प्रदत्त है। तीसरे क्रम पर लिखा है कि पिछड़ा वर्ग समाज के विद्यार्थियों के लिए भी सभी विकासखंड एवं जिले में सर्व सुविधा युक्त छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाए तथा राजधानी रायपुर में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के एक हजार क्षमता युक्त महाविद्यालयीन सर्व सुविधायुक्त बालक एवम बालिका छात्रावास हॉस्टल उपलब्ध कराया जाए। चौथे एवं अंतिम में कहा गया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लिए लागू क्रीमीलेयर सिस्टम को समाप्त किया जाए। किसी भी आरक्षित समूह के लिए क्रीमीलेयर कानून क्यो? अतः इस प्रथा को समाप्त किया जाए। इस मौके पर उपस्थित विभिन्न सामाजिक बंधुओं ने जोश करो उसके साथ में अपनी बात रखी जिनमें प्रमुख रूप से प्रदेश साहू समाज के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 27% आरक्षण का लाभ प्रदेश के कई राज्य ले रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात प्रदेश के 52% आबादी आरक्षण से वंचित रहा। हम लोगों के साथ में बहुत बड़ा धोखा हुआ है। 50% की क्राइटेरिया में हमें मात्र 6% आरक्षण ही मिल रहा है जबकि 14% आरक्षण की बात कही जाती है। अभी पता चला है कि हाईकोर्ट में आरक्षण में कुछ संशोधन हुआ है। तो छत्तीसगढ़ सरकार आरक्षण पर रिव्यू करने के लिए बैठक बुलाया है। चूंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद पिछड़ा वर्ग समाज से हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री है हम उससे निवेदन करते हैं भारतीय संविधान द्वारा प्रदत अन्य पिछड़ा वर्ग के 27% आरक्षण का लाभ प्रदेश में मिले। जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने कहा कि यह एक सांकेतिक धरना हैं। आगे गांव गांव से लोग निकलेंगे और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे। पूरे छत्तीसगढ़ में ओबीसी बावन प्रतिशत है हमारा अधिकार 52% आरक्षण की है लेकिन हम मात्र 27% ही मांग रहे हैं।पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामकुमार साहू ने कहा कि हम सभी लोग मिलकर इस आंदोलन को एक नई दिशा प्रदान करेंगे 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर रहेंगे राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने कहा कि जिस भी वर्ग को जो भी आरक्षण मिल रहे हैं हमें उनका कोई विरोध नहीं है। हमें हमारा अधिकार चाहिए। 27% आरक्षण मिले। निषाद समाज के परिक्षेत्र अध्यक्ष मोतीराम निषाद ने कहा कि धर्म नगरी राजिम से 27% आरक्षण की आवाज बुलंद कर रहे हैं भगवान राजीवलोचन की कृपा से निश्चित रूप से हमें सफलता मिलेगी और हमारे सभी भाई बहनों को इनका लाभ मिलेगा। किसान नेता एवं कुर्मी समाज के संजीव चंद्राकर ने कहा कि सभी समाज में महासभा का आयोजन होता है वहां 27% आरक्षण की आवाज गुंजना चाहिए और लोग एक साथ अपनी आवाज बुलंद करें निश्चित रूप से सरकार हमें हमारा अधिकार प्रदान करेगी। जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, साहू समाज के डॉ. रामकुमार साहू, सोम प्रकाश साहू, पूर्व अध्यक्ष डॉ महेंद्र साहू, मछुआरा प्रकोष्ठ के शरद पारकर, पटेल समाज के जिला अध्यक्ष सोमनाथ पटेल, साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल,पार्षद टंकु सोनकर, अरविंद यदु, राजिम भक्तिन मंदिर समिति के उपाध्यक्ष नूतन साहू, राजेश धीवर, भोले साहू, भुवन साहू, रामकुमार साहू, रोहित साहू, बलराम यादव, देवेंद्र देवांगन, सुनील देवांगन, डीगेश साहू, दानी साहू, झामन साहू, देवानंद साहू श्याम साहू, जगदेव सिन्हा, दिलीप साहू, मिनेश साहू, पप्पू सोनकर, कैलाश पटेल, भूखन पटेल, ओम प्रकाश साहू, गजेंद्र निषाद, मोती निषाद, रामाधार साहू नरोत्तम साहू फलेंद्र साहू सहित बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के सामाजिक बंधु उपस्थित थे। इस धरना प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए सतनामी समाज के दूजलाल बंजारे, सोनवानी जी, चंदू जैन मौजूद थे।धरना प्रदर्शन में पुलिस की गैरमौजूदगी रही चर्चा का विषयइस पूरे धरना प्रदर्शन में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात नहीं किए गए थे जो चर्चा का विषय बना रहा क्योंकि पहले से इस बात की जानकारी प्रशासन को दे दी गई थी और यह तय था कि धरना प्रदर्शन के बाद ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा लेकिन सीएम के दौरा रद्द होने के कारण उनके नाम से तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया।27% आरक्षण के लिए हुई नारे बाजी27% आरक्षण के लिए मौजूद ओबीसी समाज ने हाथ उठाकर भारत माता की जय कारा लगाते हुए 27% आरक्षण की आवाज बुलंद की इस मौके पर नारेबाजी भी किया गया और जरूरत पड़ने पर आंदोलन का विस्तार करने की बात कही ताकि सरकार शीघ्र यह अधिकार प्रदान करें।