छत्तीसगढ़ी फिल्म “मैं दिया तैं मोर बाती” चार मार्च को 40 सिनेमाघरों में होगी एक साथ प्रदर्शित
रायपुर। वैसे तो छत्तीसगढ़ी भाषा में फिल्में दशकों से बन रही हैं। लेकिन कुछेक फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो कोई खास दर्शक वर्ग अब तक छत्तीसगढ़ी सिनेमा का बन नहीं पाया है। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के वक्त जब प्रदेश में छत्तीसगढ़ियावाद हिलोरें मार रहा था, उस दौर में जरूर कुछेक फिल्में ‘मोर छइहां भुइयां’ जैसी बनीं, जो पूरे प्रदेश में न सिर्फ देखी गईं बल्कि सराही भी गईं। लेकिन उसके बाद छत्तीसगढ़िया फिल्में फूहड़ता के दौर में चली गईं। फिल्मों में हास्य भी काफी हल्के स्तर का रहा। लेकिन अब कुछ फिल्में ऐसी बन रही हैं जो एक बार फिर से छत्तीसगढ़िया फिल्म इंडस्ट्री को ऊपर उठा सकती हैं। जैसे पिछले साल आई फिल्म ‘हंस झन पगली फंस जाबे’ को भी पूरे प्रदेश में काफी दर्शक मिले, साथ ही फिल्म की पटकथा, कथानक, संगीत आदि भी काफी सराहा गया था। इसी तरह छत्तीसगढ़ी सिनेमा में एक और प्रयोग किया गया है। बहरहाल फिल्म के कलाकारों की बात करें तो अभिनेत्री अनीकृति चौहान छत्तीसगढ़ में पहचान बना चुकी है। बाकी के कलाकार भी स्थानीय ही हैं। इस फिल्म के निर्माता पवन तातेड़ के मुताबिक चार मार्च को फिल्म रायपुर के श्याम टाकीज समेत प्रदेशभर के 40 सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित हो रही है। कुछेक मल्टीप्लेक्स में भी फिल्म दिखाने की कोशिश है। बहरहाल छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जानकार और वितरक लाभांश तिवारी बताते हैं कि ये फिल्म “मैं दिया तैं मोर बाती” अब तक की छत्तीसगढ़ी फिल्मों द्वारा खींची गई दर्शक संख्या और कमाई के सारे रिकार्ड तोड़ सकती है।