बचपन हर गम से बेगाना होता है
‘संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । सन् 1975 में हिंदी फिल्म गीत गाता चल आई जिसके गीत बचपन हर गम से बेगाना होता है खूब पॉपुलर हुआ था गायक किशोर कुमार थे तथा म्यूजिक रविंद्र जैन ने दिया था।इस गीत को चरितार्थ करते हुए पांच साल की बालिका काव्य सोनकर सब्जी कैरेट में इस तरह बैठी रही कि उन्हें किसी भी बात की कोई चिंता नहीं थी वह अपने खेल में इस तरह मसगूल हो गई थी कि जब उनका फोटो लिया गया तब उन्हें पता ही नहीं चला कि कोई उनकी छायाचित्र को कैमरे में कैद कर रहा हैं। बताना होगा कि इनके पिता अपने बच्ची को कैरेट के पास ही बैठा दिया। वह जाकर सीधे इसी में बैठ गई और बैठकर ही खेल रही थी दुनिया से अनजान बालिका काव्या निश्चल प्रवृत्ति वहां उपस्थित लोगों को काफी प्रभावित किया और बातों ही बातों का लोग कह उठे सचमुच में बचपन हर गम से बेगाना होता है।