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Chhattisgarh

ट्राइबल एरिया में भी प्राइवेट अंग्रेजी माध्यम स्कूल से आने की अनिवार्यता, गरीब बच्चों को नहीं दिया जा रहा प्राथमिकता हो रहे अपात्र

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”प्रयास कैवर्त की रिपोर्ट”

गौरेला-पेंड्रा-मरवाहीl ट्राइबल एरिया गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों से पढ़कर आना छात्रों के लिए अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण गरीब तबके से आने वाले पालकों में खासा नाराजगी देखी जा रही है l हिंदी माध्यम से आने वाले छात्रों का आवेदन सीधे अपात्र व निरस्त कि श्रेणी में रखें जा रहे हैं l आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मरवाही के प्राचार्य का कहना है कि प्रवेश के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा कोई नियमावली जारी नहीं किया गया है l सभी स्कूलों में प्रवेश जिला स्तर की बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी मनोज राय ने जो मौखिक निर्देश दिए हैं उन्हीं का पालन प्रवेश में किया जा रहा है l नियमावली के नाम पर उनके पास पिछले वर्ष मंत्रालय से जारी पत्र क्रमांक 01 दिनांक 30/04/2021 ही मौजूद है l इस प्रकार से नियमों को ताक पर रखकर अंग्रेजी माध्यम से आने वाले छात्रों को ही प्रवेश दिया जा रहा है और गरीब व पिछड़े तबके से आने वाले छात्रों को प्रवेश से बाहर किया जा रहा है l सनद रहे कि मरवाही आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां के अधिकतर आदिवासी, गरीब लोगों की इतनी हैसियत नहीं है कि वे अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ा सकें l छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के खुलने और गरीबों के लिए स्कूल बताकर जोर-शोर से प्रचारित करने से गरीबों के मन में भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यमिक स्कूलों में प्रवेश कराने की उम्मीद जगी थी l जो अब धुंधली होते दिखाई दे रही है l स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गरीबी रेखा से ऊपर आने वाले व शासकीय अधिकारी कर्मचारियों के प्राइवेट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से पढ़कर आने वाले छात्रों को ही पात्र किया जा रहा है और प्रवेश दिए जा रहे हैं l पिछले साल भी जमकर शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के बच्चों को सेटिंग कर प्रवेश दिया गया था l नौकरी पेशा पलकों से ना तो नौकरी से संबंधित कोई जानकारी मांगी गई है और ना ही आय प्रमाण पत्र लिया गया है l जिसकी जांच की भी आवश्यकता है l वहीं शाला प्रबंधन समिति को भी ट्राइबल क्षेत्र में पालकों की समस्या को ध्यान में रखकर कुछ निर्णय लेने का अधिकार होता है लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूल मरवाही के शाला प्रबंधन समिति की स्थिति भी संदेह के दायरे में है और उस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं l स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए भी लाखों करोड़ों का बजट शासन स्तर से आता है लेकिन उस फंड का उपयोग संस्था प्रमुख द्वारा अपनी आवश्यकताओं के अनुसार नहीं किया जा रहा है क्योंकि छोटे-मोटे मरम्मत कार्य के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी के सामने फंड के लिए उन्हें गिड़गिड़ाना पड़ता है l विद्यालय की सामग्री की खरीदी बिना समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराए और बिना टेंडर लगाये ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सीधे खरीदे जा रहे हैं, जिसकी जांच की भी आवश्यकता है l

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