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Chhattisgarh

बीमा की 72 लाख रुपया राशि प्राप्त करने की साजिश हुई विफल हुई विफल कार को जलाकर खुद गायब हुआ था व्यापारी

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“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”

कांकेर। थाना चारामा के ग्राम चावड़ी में मिले जलती हुई कार की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कुछ दिनों से इस मामले को लेकर पुलिस महकमा खासे परेशान नजर आ रहा था जिसे कांकेर पुलिस अधीक्षक ने खुद मामले की गम्भीरता को देखते हुए गम्भीर नजर आये व कमान सँभाले रहे।चारों गुमशुदा व्यक्तियों को सकुशल बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने बीमा की राशि के लिए योजनाबद्ध तरीके से रचे गये साजिश का भी पर्दाफाश कर लिया है।पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना चारामा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चावड़ी में 1 मार्च की रात्रि में चारामा कोरर मार्ग पर एक जलती हुई कार होने की सूचना मिली थी, उक्त सूचना पर थाना चारामा पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची परंतु तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी, जिसकी पतासाजी के दौरान दिनांक 2 मार्च की सुबह उक्त जली हुई कार पखांजूर पीव्ही 42 निवासी बिपुल सिकदार के स्वामित्व का होना पाया गया। मौके पर कार स्वामी के पुत्र हर्षित सिकदार ने जली हुई कार की पहचान कर पुलिस को जानकारी दिया था कि उक्त कार मारुति xL 6 में पखांजूर पी व्ही 42 निवासी समीरन सिकदार पिता विपुल सिकदार उम्र 29 वर्ष,उसकी पत्नी जया सिकदार उम्र 26 वर्ष, अपने बेटे दीप सिकदार उम्र 9 वर्ष एवं पुत्री कृतिका सिकदार उम्र 4 वर्ष के साथ रायपुर इलाज हेतु 1 मार्च को गए हुए थे जोकि अपने परिवार से मोबाइल फोन पर लगातार संपर्क में थे रायपुर से वापसी के दौरान धमतरी पहुंचकर उन्होंने अपने पिता एवं परिवार के लोगों को धमतरी के होटल में रात्रि भोजन कर पखांजूर हेतु कार से निकलने की बात भी बताई थी। और रात्रि में ग्राम चावड़ी में वही कार जली हुई अवस्था में मिली थी, परंतु कार सवार चारों व्यक्तियों का कोई पता नहीं था, पुलिस द्वारा उक्त जली हुई कार की जांच मौके पर फॉरेंसिक टीम से कराई गई कार की जांच में कोई मानव अवशेष होना नहीं पाया गया था,परंतु कार में 2 नग जले हुए मोबाइल मिले थे इससे यह आशंका थी कि कार सवार व्यक्तियों का अपहरण अथवा हत्या भी हो सकता है परिजन बार-बार इस बात की आशंका भी व्यक्त कर रहे थे, थाना चारामा में चारों लापता व्यक्तियों के संबंध में परिजनों की रिपोर्ट पर गुमशुदगी की रिपोर्ट गुम इंसान क्रमांक11,12,13,14 दर्ज कर पता तलाश किया जा रहा था, पुलिस अधीक्षक कांकेर शलभ कुमार सिन्हा ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गुमशुदा व्यक्तियों की पतासाजी हेतु 5 पुलिस टीम गठित किया था पतासाजी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे, होटलों की चेकिंग के दौरान पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई कि धमतरी स्थित आशियाना लाज में उक्त लापता परिवार 1 मार्च की रात्रि में रुका हुआ था, तथा पुलिस को गुमशुदा व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों के कॉल रिकॉर्ड की तस्दीक करने पर ज्ञात हुआ की गुमशुदा हुए समिरन सिकदार ने रायपुर स्थित अजय फोटो स्टूडियो में अपने 93 फोटो प्रिंट कराने हेतु दिए थे, जिसे 2 मार्च को समीरन सिकदार फोटो को ले जा चुका था, जानकारी होने पर पुलिस आश्वस्त थी कि चारों व्यक्ति का अपहरण नहीं हुआ है और वे स्वयं से ही छिप रहे हैं उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस की विभिन्न टीमें लगातार पतासाजी कर रही थी जांच के दौरान पुलिस टीमों द्वारा पखांजूर से रायपुर तक सेल आईडी के टावर डंप में 900000 से अधिक मोबाइल नंबरों का साइबर सेल द्वारा विश्लेषण कर 45000 मोबाइल नंबरों को शॉर्टलिस्ट कर तस्दीक किया जा रहा था तथा पखांजूर से रायपुर के मध्य लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए 300 से अधिक होटलों की चेकिंग की गई, रेलवे स्टेशन बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, एयरपोर्ट की जांच की गई, पुलिस परिजनों एवं समीरन सीकदार के व्यवसाय से जुड़े लोगों से भी लगातार पूछताछ कर रही थी तभी 13 मार्च की रात्रि में गुमशुदा हुए समीरन सिकदार ने अपने फार्म हाउस के वर्करों के माध्यम से मोबाइल पर पुलिस से संपर्क कर अपने को परिवार सहित पीवी 42 में पहुंचने की बात बताई तब पुलिस द्वारा तत्काल अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया गया पूछताछ में समीरन सिकदार एवं उसकी पत्नी जया सिकदर ने पूछताछ में बताया कि कुछ दिनों से व्यापार में नुकसान होने से वह परेशान थे इसी दौरान उन्होंने पूरे परिवार का इंश्योरेंस भी कराया था बीमा पॉलिसी के अनुसार मृत्यु होने पर 72 लाख रुपया के भुगतान का प्रावधान था इसी लालच में पति ने योजना बनाई थी कि कार को जला देंगे और पत्नी जया को गुमराह कर गायब हो जाएंगे जिससे लोग उसे कार में जलकर मृत होना समझ जाएंगे और बीमा कंपनी 72 लाख रुपया भुगतान कर देगी जिससे व्यापार में नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी और पखांजूर से दूर किसी दूसरे स्थान पर नए तरीके से अपना जीवन यापन करेंगे। योजना के अनुसार समिरन सिकदार ने पत्नी जया सिकदार अपने दोनों बच्चों के साथ रायपुर आने के दौरान धमतरी आशियाना लॉज में रुका वहां से रात्रि भोजन कर समीरन सिकदार ने अपनी पत्नी जया एवं बच्चों को लाज में छोड़कर कार को लेकर चारामा पहुंचा चारामा में पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदा और चारामा कोरर मार्ग पर ग्राम चावड़ी पहुंचकर योजनाबद्ध तरीके से पूर्व से निर्धारित स्थल पर कार को पेड़ से टकरा कर खड़ा कर दिया और पेट्रोल छिड़ककर माचिस से आग लगा दिया और पैदल खेत जंगल के रास्ते चारामा पहुंचा चारामा से बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा और अपने परिवार को होटल आशियाना लॉज से लेकर रायपुर चला गया रायपुर में अजय फोटो स्टूडियो से फोटो लिया और बस में सवार होकर इलाहाबाद चला गया इलाहाबाद में 1 दिन रुका और दूसरे दिन ट्रेन में सवार होकर पटना गया पटना में मोबाइल तथा दूसरे के नाम का चालू मोबाइल नंबर खरीदा और अपने मोबाइल पर दैनिक मोबाइल ऐप डाउनलोड कर खबरों को देखा तो उसे ज्ञात हुआ कि उसकी स्वयं को परिवार सहित जलकर मर जाने और मृत्यु उपरांत बीमा की रकम ले लेने की योजना विफल हो गई है वह धमतरी के लॉज तथा फोटो स्टूडियो में लोकेट हो गया हैं जिससे पुलिस को चारों गुमशुदा का जानबूझकर लापता होने का षड्यंत्र करना ज्ञात हो गया है तब वह पुलिस से बचने के लिए पटना से, गुवाहाटी चला गया होटल में रुका रहा वह न्यूज़ एप लगातार कांकेर की खबरें देख रहा था उसे अंदेशा हो गया था कि वह बहुत जल्दी पुलिस के गिरफ्त में आ जाएगा सजा के भय से वह गुवाहाटी से संबलपुर आ गया संबलपुर से प्राइवेट टैक्सी में पखांजूर पी व्ही 42 पहुंचा और अपने फार्म हाउस के वर्करों के माध्यम से पुलिस से फोन पर संपर्क किया । पुलिस ने चारों गुमशुदा को पीवी 42 से अभिरक्षा में ले सिमरन सीकदार के कब्जे से 504000 नगदी रकम मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। सम्पूर्ण जांच पर समीरन सिकदार के द्वारा धारा 435,427,120,420,511 भादवि के अंतर्गत अपराध घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया सिमरन सीकदर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा जा रहा है । पुलिस प्रत्येक पहलू पर जांच कर रही है गुमशुदा समीरन सीकदार से प्राप्त जानकारी के आधार पर रुके हुए स्थान एवं होटलों से संपर्क स्थापित कर तस्दीक किया जा रहा है। सहायता करने वाले लोगों की संलिप्तता प्रमाणित पाए जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

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