चौबेबांधा में अंगद संवाद को सुनने लगी भीड़
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। 16 अक्टूबर चौबेबांधा में दसहरा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर श्रीरामदरबार मानस मंडली के द्वारा रामलीला का आयोजन किया गया जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अलावा आसपास के गांव के लोग भी उपस्थित हुए और रावण वध के पश्चात ही अपने घर को गए। रावण और अंगद संवाद को सुनने के लिए दर्शक घंटों बैठे रहे और एक एक शब्द को सुनते रहे। मंचित रामलीला के अनुसार अंगद के पैर को रावण के दरबार में मौजूद शूरवीर उठाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें टस से मस नहीं कर पाए। यह दृश्य लोगों को काफी रोमांचित किया। इसके बाद कुंभकरण को नींद से जगाया गया। उनके खाने-पीने की सामग्री लाते हैं जिनके सुगंध से उठ जाता है और अपने बड़े भैया रावण को समझाने के लिए कुंभकरण उनके पास चले जाते हैं। तरह-तरह की बातें कहकर रावण को समझाते हैं लेकिन जब नहीं मानता तो वह कहते हैं कि मैंने आपका नमक खाया है जिन का कर्ज मुझमें है आप आदेश कीजिए मैं उन दोनों तपस्विओ को यमलोक का रास्ता दिखा दूंगा। इस डायलॉग के बाद कुंभकरण के साथ युद्ध होता है जिसमें वह मारा जाता है। इनके बाद राम रावण युद्ध का विशेष दृश्य दिखाया गया। रामचंद्र द्वारा लगातार उनके शरीर के अन्य हिस्से पर 30 बार छोड़े गए। अंत में एक बान उनके नाभि पर छोड़ते हैं जिससे उनके नाभि में मौजूद अमृत सूख जाता है और इस तरह से रावण का वध हुआ। 7 फीट की ऊंची पुतला रावण का बनाया गया था जिस पर धनुष बाण लगते ही पुतला धराशाही हो गया। धू-धू करके जलने लगा उनके पश्चात शानदार आतिशबाजी हुए। रावण वध के पश्चात रामचंद्र की आरती उतारी गई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। गांव के प्रत्येक घरों में भी रावण वध में गए लोगों को राम समझ कर घर आते ही चौक पुरकर उनकी आरती उतारी गई। बता देना जरूरी है कि पिछले 2 सालों से कोरोना का के दौरान रावण वध का कार्यक्रम नहीं हुआ था इस बार लोगों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया। इस कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन के अलावा ग्राम वासियों का सहयोग रहा।