संगम नदी में नदियां मड़ई देखने उमड़ी भीड़
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। धार्मिक नगरी प्रयाग भूमि त्रिवेणी संगम में सोमवार को नदिया मड़ई का आयोजन संपन्न हुआ। मड़ई देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बन रही थी शाम 4:00 बजे से भीड़ इस कदर उंगली की रात 8:00 बजे तक धक्का-मुक्की खाकर मडई भ्रमण कर रहे थे। मड़ई में तरह-तरह के सामान पहुंचे हुए थे कहीं पर लोग होटलों में बैठकर मिर्ची भजिया, बड़ा, समोसा, आलू गुंडा, जलेबी, मिक्चर, पेठा इत्यादि मिष्ठान परिवार सहित खाने का आनंद ले रहे थे वही गुपचुप के ठेले पर इस कदर उनके चारों और लोग खड़े होकर मांग कर रहे थे और दुकानदार क्रमशः होकर अपने सामानों को दे रहे थे भीड़ देखकर कई लोग निकल गए लेकिन इस बार खुद बिक्री हुई जिससे दुकानदार अत्यंत प्रसन्न हुए, खिलौने की दुकान, मनिहारी, मिट्टी के गल्ला, चप्पल दुकान के साथ ही मोमोस खाने वाले भी डटे रहे। यह बच्चों की खासा पसंद है इसलिए पालक बच्चों की पसंद से इंकार नहीं कर पाए और मोमोज खिलाते रहे। रईचुली कहीं देखने को ना मिली परंतु जंपिंग झूला एवं मिकी माउस बच्चे लोग कूद कूद कर मस्ती करते रहे। अभननपुर से पहुंचे जंपिंग झूला के संचालक ने बताया कि छोटे बच्चों से ₹10 का टिकट तथा 12 साल से आगे के बच्चों का ₹20 टिकट ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजिम नादिया मड़ई में अच्छी कमाई हो रही है हम बहुत पसंद है। मनिहारी सामानों के विक्रेता की घूम घूम कर बेच रहे थे। मंदिरों में भी अच्छी खासी भीड़ लगी रही तथा देखते ही देखते यहां आस-पास के गांव समेत पांच मड़ई मंदिर के सामने खड़े कर गए थे। निशान बाजा के साथ दोहा कहीं जा रही थी और रावत समाज के नर्तक नृत्य कर रहे थे। राजिम नगर के मड़ई साथ जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं जमीदार राघोबा महाडिक, किसान सेवा समिति के भोले साहू, सुनील देवांगन, घनश्याम साहू इत्यादि चलते चलते बाबा के दरबार तक पहुंचे। इधर नवागांव, नवापारा, बुड़ेनी आदि गांव से भी आए हुए थे। कार्तिक पूर्णिमा के चलते सुबह से ही संगम में स्नान दान तथा दीपदान का कार्यक्रम चल रहा था लोग सुबह से ही नदी में स्नान कर दीप दान किए। यहां के अटल घाट, संगम घाट, सोन तीर्थ घाट, नेहरू घाट इत्यादि में स्नान कर सूर्य देव को आराध्य दिए और सीधे बाबा कुलेश्वर नाथ के दर्शन किए। उल्लेखनीय है कि पिछले 2 दिन पहले संगम में पानी भरा हुआ था परंतु कार्तिक पूर्णिमा को देखते हुए एनीकट से पानी छोड़ दिया गया इसके बाद नदी पूरी तरह से सुख नहीं पाए थे अलबत्ता रेत पर सिल्क जमा हो गए थे जिन्हें लोगों ने फावड़ा से इकट्ठा किया। इस बार नदी में विकराल बढ़ाई थी जिसके कारण नदी के रेत पर बने सीमेंटेड सड़क डैमेज हो गए हैं। कार्तिक पूर्णिमा के मद्देनजर अधिकांश लोगों ने लक्ष्मण झूला से होकर कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर तक पहुंचते रहे। सुबह से लेकर रात 8:00 बजे तक हजारों लोगों ने लक्ष्मण झूला का उपयोग कर मंदिर का दर्शन पूजन तथा मेला घूमे। इस तरह से यह लक्ष्मण झूला श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।