नवागांव से नवापारा तक सैकड़ों गड्ढे भरने की मांग

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राजिम। नवागांव से लेकर नवापारा तक अर्थात चौबेबांधा राजिम परसवानी पुल से लेकर बेलाही घाट पुल तक 2 किलोमीटर की दूरी है इस सड़क में सैकड़ों गड्ढे हैं कई ऐसे गड्ढे हैं जिनकी गहराई अत्यधिक है। यह जानलेवा है। बरसात लग ही रही है 10 जून से छत्तीसगढ़ में मानसून आ जाएगी उसके बाद लगातार पानी बरसेगा। सड़क और गड्ढे पता ही नहीं चलेगा। चलने वाले राहगीर इन गड्ढे में अभी से गिर रहे हैं। बुधवार के शाम हुई बारिश के कारण यह गड्ढे पानी से भर गए। आने जाने वाले लोग समतल समझकर बाइक चला दिए नतीजा मुंह के बल गिरे। बताया गया कि ऐसा दृश्य कल शाम से ही देखने को मिला। बरसात के पूर्व गड्ढे को पाटना जरूरी है वरना यह जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है। वैसे इस सड़क मार्ग का पुनर्निर्माण कार्य जारी है परंतु अभी तक इस जगह पर नहीं आए हैं जब तक काम यहां शुरू नहीं हो जाता तब तक के लिए सड़क के गड्ढे को भरना अत्यंत आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना एडीबी प्रोजेक्ट के तहत बुडेनी नवापारा परसवानी मगरलोड मोहंदी बोरसी भोयना मार्ग का उन्नयन एवं पुनर्निर्माण कार्य जारी है इसकी लंबाई 66.72 किलोमीटर है। 201.62 करोड़ की लागत पर इनका निर्माण किया जा रहा है मार्ग की चौड़ाई 7 मीटर है वैसे तो इनके निर्माण अवधि 24 माह दिया गया है और कार्यदेश 30 अगस्त 2019 है इस लिहाज से 32 माह कंप्लीट हो गए हैं। अब तक तो पूरी सड़क को बन जाना चाहिए था परंतु अभी तक नवागांव से नवापारा 2 किलोमीटर के कार्यों की शुरुआत नहीं हुई है। अलबत्ता पानी निकासी के लिए पाइप ही लगा पाए हैं। मोंटेकार्लो लिमिटेड अहमदाबाद (गुजरात) के ठेकेदार कार्य को पूरा कर रहे हैं। निर्माण कार्य के सुस्त रवैया के चलते राहगीरों को अत्यधिक परेशानी हो रही है। अब तक 8 महीने अधिक हो गए हैं फिर भी काम पूरा नहीं हुआ है जो छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग के कार्यों में प्रश्नचिन्ह लगा रही है। इसी तरह से यदि कार्य अवधि के बाद भी काम चलते रहे तो फिर समय देने का कोई मतलब नहीं है क्षेत्र की जनता कछुआ चाल से पीड़ित है। बरसात में मार्ग पर कीचड़ होंगे तथा आने जाने में बड़ी तकलीफ होगी ऐसी स्थिति में बरसात के समय कैसे गुजरेगा चिंता हो रही है। नवागांव से लेकर नवापारा तक 2 किलोमीटर की दूरी है जिस पर न जाने कितने गड्ढे हो चुके हैं जिन्हें भरना बहुत जरूरी है यदि इन्हें समतल नहीं किया गया तो और कितने लोग इस पर गिरकर चोटिल होंगे कहना मुश्किल है। सबसे ज्यादा तकलीफ पालकों को अपने बच्चे को स्कूल भेजने में हो रही है उनके बच्चे नवापारा राजिम शहर में स्कूल कॉलेज पढ़ने के लिए जाते हैं ऐसे में सड़कों की बदतर हालत पालकों की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने शीघ्र नवागांव से नवापारा तक की सड़कों में हुई गड्ढे को भरने की मांग की है।

“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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