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प्रयाग नगरी में सावन के प्रथम दिन से ही श्रद्धालु शिव भक्ति में तल्लीन

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”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । गुरुवार को श्रावण मास प्रारंभ हो गया और प्रथम दिन से ही शिव भक्त भोलेनाथ की भक्ति में तल्लीन हो गए। केसरिया बिल्वपत्र कनेर धतूरा इत्यादि शिवलिंग पर चढ़ा कर पूजा अर्चना की तथा जल डालकर जल अभिषेक भी किया छोटे बच्चे से लेकर बड़े सावन के इस प्रथम दिन का शुभारंभ शिव भक्ति के साथ किया दूसरी ओर व्हाट्सएप फेसबुक पर शिव जी के फोटो एक दूसरे को भेज कर खूब शेयर किए और श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं एक दूसरे को देते रहे। खास बात यह है कि पहले शिव धाम का दर्शन करने के लिए लोगों को समय एवं राशि दोनों खर्च करना पड़ता था परंतु अब मोबाइल के माध्यम से सारे शिव मंदिर के फोटो ऐसे ही उपलब्ध हो जाते हैं जिनसे लोगों को सहज एवं सरल भाव से दर्शन हो जाता है। पूर्व वर्ष कोरोनावायरस के प्रभाव के कारण कांवरिया घर से बाहर नहीं निकल पाए थे इस बार बड़ी संख्या में शिवधाम पहुंचने के लिए जाएंगे। पूरे छत्तीसगढ़ से राजिम धाम में कांवरिया आकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। लक्ष्मण झूला के निर्माणाधीन होने के कारण पिछले 5 वर्षों से मात्र तट से ही प्रणाम कर चले जाते थे लेकिन इस बार झूला के बन जाने से सीधे बोल बम की जय कारा संगम में गूंजना शूरू हो गया। इस बार सावन के चार सोमवार होंगे। पहला सोमवार 18 जुलाई मौनी पंचमी को होगा। दूसरा 25 जुलाई द्वादशी, तीसरा वैनायकी चतुर्दशी 1 अगस्त तथा चौथा सोमवार 8 अगस्त पुत्रदा एकादशी के अवसर पर होगा। श्रवण में सोमवार शिव का वार माना गया है इसलिए इस दिन खास तौर से शिवभक्त व्रत नियम का पालन करते हैं तथा शिव मंदिरों में घंटियों की झंकार एवं पूजा पाठ से माहौल भक्ति में हो जाता है। प्रयाग नगरी राजिम में अनेक शिव मंदिर है। जहां भक्तों का तांता लगा रहता है।

बोल बम कांवरिया संघ रखेंगे विशाल भंडारा

प्रति वर्ष की भांति इस बार भी बोल बम कांवरिया संघ के द्वारा विशाल भंडारा का आयोजन किया गया है मंगल भवन के पास यह आयोजन प्रतिवर्ष होता है इस बार भी यही होने का अनुमान है। नंगे पांव चलकर आने वाली कांवरिया इस जगह पर रुक कर कुछ समय विश्राम करते हैं उसके बाद आगे के लिए बढ़ जाते हैं।

सीता ने कुलेश्वरनाथ की स्थापना की

किवदंती के अनुसार त्रेता युग में देवी सीता ने वनवास काल के दौरान राजिम के त्रिवेणी संगम में स्नान उपरांत बालू से शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की तथा जल अभिषेक किया। जैसे ही शिवलिंग पर उन्होंने जल डाला पांच और से पानी बहने लगा और फिर यह पंचमुखी हो गया। विश्व में पंचमुखी शिवलिंग का दर्शन गिने-चुने जगह पर होते हैं। राजिम संगम में या शिवलिंग स्थापित है। साल पर बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां आते हैं परंतु सावन महीने में तो भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। राजिम को शिव का धाम कहा गया है। यहां अनेक शिव मंदिर है जिनमें सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर, बाबा गरीब नाथ महादेव मंदिर,राज-राजेश्वरनाथ महादेव, दान- दानेश्वर नाथ महादेव, भूतेश्वर नाथ महादेव पंचेश्वर नाथ महादेव समेत अनेक शिव लिंग मौजूद है। शिवभक्त मनहरण साहू ने बताया कि शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से मन को शांति मिलती है पिछले 4 महीने से चंदन, शहद और बिल्वपत्र शिवलिंग पर प्रतिदिन चढ़ा रहा हूं। ऐसा करने से मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। बादल सहानी ने बताया कि वह एक महीने तक बिना चरण पादुका के रहेंगे और इसी तरह से शिवजी की साधना करेंगे। शिव के भक्त भोले भाले होते हैं। स्वच्छंद प्रवृत्ति के होने के कारण कहीं भी हो वह हर हर महादेव का जॉब जरूर करते हैं पूरे 1 महीने भर तक शिव की नगरी हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजित होना शुरू हो गया है।

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