स्कूल बंद होने से पढ़ाई के समय बच्चे खेलों में व्यस्त,छात्र खेल रहे है भंवरा

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

नवापारा/राजिम। कोरोना संक्रमण के चलते जिले में सभी स्कूल बंद है नतीजा बच्चों की पढ़ाई अब घर में ही मनमर्जी से हो रही है इससे छात्रों का ध्यान पढ़ाई में लगा हुआ है और ना ही पढ़ाई से संबंधित कोई गृह कार्य में। वह सिर्फ मोबाइल के स्क्रीन पर अपनी उंगलियां फेर रहे हैं तो कहीं बच्चे झुंड में आकर भंवरा आदि लोक खेलों को खेल रहे हैं। जनवरी का माह पढ़ाई के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। आज शहर में कुछ बच्चे अपने हाथों में लकड़ी से बने हुए भंवरा लेकर उसमें रस्सी डालकर जैसे ही छोड़े भन्न करके भंवरा की रफ्तार आसपास चलने वाले लोगों को आकर्षित कर दिया। इन बच्चों ने बताया कि भंवरा अलग-अलग पद्धति से खेला जाता है इसमें पहला आलम प्रणाली है दूसरा गोला तथा तीसरा हाथ में लेकर चलाना जैसे अनेक विधा है। खासतौर से यहां लकड़ी के ही बनाया जाता है गोल लकड़ी के बीच में किल लगा दिया जाता है। रस्सी लपेटकर जैसे ही छोड़ते हैं आवाज के साथ चलना शुरू कर देते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि अभी आलोक खेल बहुत कम हो गया है पहले भंवरा, गुल्ली डंडा, डंडा पचरंगा, बांटी तथा लड़कियां बिल्लस, फुगड़ी के साथ ही चुकी पूरा खेल कर समय व्यतीत करते थे इससे आत्मविश्वास भी प्रगाढ़ होता है। परंतु पढ़ाई के समय खेल कहां तक उचित है। पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण छात्र पढ़ाई में कमजोर होते जा रहे हैं जिसकी चिंता पालकों को है। वर्तमान में भी कोरोना संक्रमण के कारण जिले की स्कूल बंद कर दिए गए हैं ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं सर पर है और बच्चे खाली घूम रहे हैं इससे मां-बाप बहुत चिंतित है। उन्हें उनके भविष्य को लेकर चिंता सता रही है जबकि प्रदेश के ही अन्य जिला में स्कूल अभी भी संचालित है।

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