मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रीति नीति के कारण छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों ,और संस्कृति का महत्व बढ़ा है : वीरेंद्र सिंह बघेल
हरेली तिहार पर प्रवक्ता कांग्रेस वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के रीति नीति के कारण ही तीज त्यौहार और संस्कृति का महत्व बढ़ा है , छत्तीसगढ़ के त्योहारों को और संस्कृति को मुख्यमंत्री जी आगे बढ़ा रहे है छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए शासन द्वारा बीते साढ़े तीन वर्षों के दौरान उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के क्रम में स्थानीय तीज-त्यौहारों पर भी अब सार्वजनिक अवकाश दिए जाते हैं। इनमें हरेली तिहार भी शामिल है। जिन अन्य लोक पर्वों पर सार्वजनिक अवकाश दिए जाते है – तीजा, मां कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), विश्व आदिवासी दिवस और छठ। अब राज्य में इन तीज-त्यौहारों को व्यापक स्तर पर मनाया जाता है, जिसमें शासन भी भागीदारी बनता है। इन पर्वों के दौरान महत्वपूर्ण शासकीय आयोजन होते है तथा महत्वपूर्ण शासकीय घोषणाएं भी की जाती है। वर्ष 2020 में हरेली पर्व के ही दिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी जो केवल 02 वर्षों में अपनी सफलता को लेकर अन्य राज्यों के लिए नजीर बन गई है। इस योजना का देश के अनेक राज्यों द्वारा अनुसरण किया जा रहा है। आज हरेली तिहार 28 जुलाई से इस योजना में और विस्तार करते हुए अब गोबर के साथ-साथ गोमूत्र खरीदी करने की भी निर्णय लिया गया है।,आज हरेली तिहार है और पूरे छत्तीस गढ़ में ये तिहार धूमधाम से मनाया जा रहा हैछत्तीसगढ़ की आत्मा में समाहित हरेली त्यौहार की ताजगी आज और बढ़ गई है। इसका श्रेय प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को जाता है। हरेली हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का एक क्षेत्रीय त्यौहार होने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की पहचान भी है। हरेली त्यौहार प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव पैदा करती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने जमीन से जुड़े इस त्यौहार को लेकर जिस तरह ‘ गोधन न्याय योजना ‘ और ‘ नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी ‘ जैसी योजनाओं का शुभारंभ किया है वह अभूतपूर्व है।