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Chhattisgarh

भूविस्थापितो ने अपने आंदोलन का विस्तार करते हुए गेवरा क्षेत्र में भी शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा। गेवरा/दीपका,ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने आंदोलन को विस्तार करते हुए एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत नराईबोध ओबी पॉइंट पर दूसरा पंडाल डाल दिया है । विगत 3 अक्टूबर से एसईसीएल दीपका अंतर्गत मलगांव ओबी फेस में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया था और कहा गया था कि हर सप्ताह आंदोलन की अलग अलग चरणों पर आंदोलन विस्तार किया जाएगा । गेवरा क्षेत्र में आंदोलन का विस्तार करते हुए मौजूद आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए सन्गठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा – विस्थापन प्रभावितों का सब्र का बांध टूट चुका है और जब तक ठोस नतीजे निकलकर नही आता है आंदोलन को वापस नही लेंगें । उन्होंने कहा कि प्रबंधन बार बार अपने आश्वासन से मुकरती रही है और आज समाचार पत्रों में आई खबरों के अनुसार वह आंदोलन से घबरा कर अनर्गल आरोप लगाना शुरू कर दिया है । खबर आई है कि शासन को आंदोलन से प्रतिदिन सरकार को मिलने वाली 2 करोड़ रुपये राजस्व की हानि हो रहा है और भुविस्थापित सन्गठन अवैधानिक तरीके से 10 लाख का ठेका लोंगो को देने की मांग कर रही है जिसका हम कड़ी शब्दो मे निंदा करते हैं । वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कोयला उत्पादन नही होने से देश मे कोयला आपूर्ति की कमी से संकट है और बिजली उत्पादन प्रभावित होने से देशभर में अंधकार फैल जाएगा । इसी का हवाला देकर और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत करके प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बिलासपुर मुख्यालय में मीटिंग भी किया गया है । जबकि प्रशासन द्वारा जारी आदेश और निर्देश की एसईसीएल प्रबंधन द्वारा धज्जियाँ उड़ा दिया जाता है जिससे बीतते समय के साथ ही भूविस्थापित समस्या विकराल होते चले जा रही है हम तो खदान के बाहरी सीमा पर शांति पूर्वक धरना पर बैठे हुए है उत्पादन को बाधित नही कर रहे हैं और उनके उकसावे में भी नही आने वाले है ।

उक्ताशय की जानकारी देते हुए ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के गेवरा इकाई अध्यक्ष संतोष महंत और ग्रामीण अध्यक्ष जगदीश पटेल ने बताया है कि जून महीने से लगातार एसईसीएल प्रबंधन के क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर से भूविस्थापितो की मांगों पर बातचीत और अधिकारियों द्वारा आश्वासन का दौर चल रहा है 8 घण्टे के बन्द के बावजूद प्रबंधन अपनी हठधर्मिता को छोड़ नही पायी है इसलिये सन्गठन की बैठक में कई चरणों मे आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया है । एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में डायरेक्टर्स के साथ आयोजित बैठक में लिए गए फैसले और एरिया स्तर पर वैकल्पिक रोजगार के लिए कदम नही उठाने के कारण हम चिंतित हैं । हेडक्वाटर में अगस्त महीने मे लिए गए निर्णयों के अनुसार प्रगति कार्यो की समीक्षा के लिए सितम्बर माह के आखिरी सप्ताह में बैठक प्रस्तावित था न तो कार्यवाही आगे बढ़ी और न समीक्षा बैठक हुई । इसलिए मांगो पर समाधान नही होने तक यह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे । उन्होंने कहा है कि आंदोलन को किसी भी सूरत में वापस नही होने देंगे ।

मांगे :-

  1. परियोजना, एरिया स्तर पर पुनर्वास समिति एवं ग्राम समितियों का गठन किया जाये जिसके माध्यम से परिसम्पतियों का मुआवजा ,रोजगार , बसाहट आदि का निर्धारण किया जाए ।
  2. छोटे-बड़े सभी खातेदारो को रोजगार की व्यवस्था किया जाए ।
  3. सर्व सुविधायुक्त बसाहट (माडल ग्राम ) की व्यवस्था किया जाए । वर्तमान में बालिग को अलग परिवार की श्रेणी मानते हुए 10 डिसमिल भूमि दिया जाए । अथवा जमीन के बदले 10 लाख रुपये लागू किया जाए ।
  4. वैकल्पिक रोजगार –
    प्रभावित परिवार के बेरोजगारों द्वारा बनाई गई सहकारी समितियों/फर्म/ कंपनी (अथवा व्यक्तिगत) को ठेका कार्य में 20%आरक्षण ,स्थानीय बेरोजगारों और स्व सहायता समूह के लिए प्राथमिकता के साथ वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था किया जाए ।
  5. लंबित रोजगार ,मुआवजा, बसाहट के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाये । अर्जन के बाद जन्म , महिला खातेदारों , रैखिक सबन्ध आदि के कारण रोके गए रोजगार के मामले पर पुनः विचार कर रोजगार प्रदान किया जाए ।नये अधिग्रहण के मामले में रोजगार, मुआवजा ,बसाहट आदि सुविधाओ के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाए ।
  1. गांव की आशिंक जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए |
  2. सबंधित संस्थान द्वारा भूविस्थापित-किसान परिवार के बच्चों को प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा तक निशुल्क पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था किया जाए एवं विभागीय अस्पताल में निशुल्क इलाज का प्रबंध किया जाए ।
  3. जिला खनिज न्यास निधि का नियम के अनुरूप प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर खर्च किया जाए ।
  4. वर्षो पूर्व में अधिग्रहित जमीन खदान बन्द होने अथवा लीज अवधि समाप्त हो जाने अथवा संस्थान द्वारा उपयोग नही करने के कारण उक्त जमीन वास्तविक खातेदारों को वापस किया जाए ।
  5. महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सृजन ,कौशल उन्नयन की व्यवस्था करो और स्थानीय उद्योगों में नियोजित किया जाए ।
  6. अर्जित ग्रामों के निजी ,शासकीय अथवा किसी अन्य के जमीन पर स्थित परिसंपत्तियों का 100% सोलिसियम के साथ मुआवजा प्रदान किया जाए | जिन ग्रामो में परिसम्पतियों का नाप जोख (मूल्यांकन ) किया जा चुका है उनको तत्काल भुगतान किया जाए ।
  7. भूमि अर्जन के समय लागू नीतियों के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाए कोल इंडिया पालिसी के नाम पर रोजगार के अधिकार का हनन बन्द किया जाए ।
  8. कोरबा जिले में पर्यावरणीय असंतुलन एवं प्रदूषण की समस्या, उद्योग संस्थानों द्वारा अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व का अवहेलना और पुनर्वास नीति का दुरुपयोग करने से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए नई उद्योग, खदान एवं उसके विस्तार पर रोक लगायी जाए ।
  9. खदान के कारण विभिन्न कारणों से नुकसान हुये फसल का सम्पूर्ण क्षति पूर्ति प्रदान किया जाय
  10. खदान के आसपास के गांवों में पेयजल एवम निस्तार की समस्या गर्मी के दिनों में गंभीर हो जाती है अतः खदान के आसपास के गांवों में गर्मी आने से पहले पेयजल एवम निस्तार की ब्यवस्था की जाय ।
  11. राजस्व सबंधी समस्याओ का गांव में शिविर लगाकर समाधान किया जाए ।

आज के प्रदर्शन के दौरान सपुरन कुलदीप संतोष दास कुलदीप राठौर विनय बिंझवार गजेन्द्र सिंह ठाकुर संतोष यादव जगदीश पटेल राज राम प्रेम साय प्यारेलाल धारी सूरज कुमार हरिहर दास राम प्रसाद ईश्वर महंत विनोद महंत बंटी रामकुमार राजेन्द्र राठौर गिरधारी फिरत शिंग विष्णु अगरिया महेत्तर शिग किशन कुमार संतोष कुमार कामजी रामजी नवीन दास विक्रम दास दसरथ सिंग गैस दास संतोष कुमार राठौर दिलहरण दास डिलहरण चौहान विजय पाल सिंह आरएस बिंझवार अभिषेक केवर्त विक्की कुमार सोहेंद्र कुमार राहुल केवर्त अनुज राम बजरंग केवर्त विजय कुमार मोहनलाल सुमरसाय शिवपाल दास राहुल जयसवाल ललित महिलांगे लक्षन बाई रजनी बाई प्रियंका अंजू बाई गणेशा बाई मंचन बाई पितर बाई राधिका बाई बंधन कुंवर गीता बाई उर्मिला बाई लता शुक्ला वृहस्पति मोती बाई पिंकी बाई रजनी बाई राज कुंवर समुंद बाई रामायण बाई शांति बाई फूल बाई देव कुंवर महंत उर्मिला महंत तीज कुंवर छत बाई खिक बाई उषा बाई रामलाल चौहान सावन कुमार प्याला राम परमेश्वर दास हेमंत मिश्रा बसंत मिश्रा अशोक मिश्रा श्यामदास राजेश यादव धूम दास रूखमणी प्रमिला रूखमणी समस्त भूविस्थापित गेवरा ईकाई के साथी उपस्थित थे ।

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