ग्राम मनकेशरी क्रेशर प्लांट के विस्फोट से किसानों के खेत हो रहे प्रभावित, अनुबंध निरस्त करने की मांग, प्रशासन ने दिये जांच के निर्देश
”नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर। ग्राम पंचायत मनकेशरी में खनिज विभाग ने संजय कृष्णानी को पेशा कानून का उल्लंघन करते हुये अवैध तरीके से पत्थर खदान का लीज पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद इस अनुबंध को तुरंत निरस्त कराने ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के एक जत्था कलेक्टर से मिला।
ग्राम मनकेशरी के उप सरपंच देवेन्द्र मेश्राम ने बताया कि संजय कृष्णानी के खदान के विस्फोट से करीब 30 किसानों का फसल बर्बाद हो रहा हैं। पीड़ित किसानों को कभी भी कोई मुआवजा राशि संबंधित खदान मालिक ने अब तक प्रदान नही किया हैं।अपने खदान में उच्च दाव के बिजली कनेक्शन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के भूमि का अवैध कब्जा कर खंबा लगाया है वहीं किसानों के खेत में भी किसानों से बिना उनुमति के बिजली खंबा लगाकर बिजली कनेक्शन लिया हैं जो पूरी तरह से अवैध हैं।
उप सरपंच ने खनिज विभाग व संजय कृष्णानी सांठ-गांठ से किसानों के हक व अधिकार पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी नियमों को उल्लंघन कर सिर्फ एक विशेष व्यक्ति को लाभान्वित करने के उद्देश्य से यह अनुबंध किया गया हैं। इस अनुबंध में किसानों के पक्ष को अनदेखा किया गया हैं।
आज मनकेशरी पंचायत के जनप्रतिनिधियों व किसानों ने कलेक्टर से मिलकर इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपकर प्रशासन से इस तरह अपनी पहुँच का गलत तरीके से स्तेमाल करने वाले क्रेशर मालिक व खनिज विभाग के ऐसे अनोखे कार्य करने वालों पर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद एक जांच समिति गठित कर पांच दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेशित दिए गए है । जांच समिति में खनिज शाखा, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारी के अलावा पंचायत के उपसरपंच व गांव के पटेल सहित पीड़ित किसान भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने संबंधित अधिकारी से आग्रह किया कि ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच होना आवश्यक हैं। ग्रामीणों की इस मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच दल पहले ग्रामीण जन प्रतिनिधी को सूचित कर जांच करने पहुंचेगी।
आज के प्रतिनिधिमंडल में देवेन्द्र मेश्राम, ग्राम पटेल रमसो बाई नरेटी, पंचगण कौशल्या कवाची, सरस्वती देवांगन, अनीता नेताम, कृष्ण किशोर पटेल, अंबिका सोनवानी, गोपेश्वर पडोटी के अलावा शांति नेताम, अजय दुर्गे, जगपाल मंडावी, संजय नेताम, जीवन लाल कोर्राम , रत्ती राम, योगेश ध्रुव सहित अनेको पीड़ित किसान शामिल थे।