परम श्रद्धेय कमला दीदी के अंतिम यात्रा में शामिल हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, दी भावपूर्ण श्रद्धाजंलि
रायपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय प्रशासिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी का कल आकस्मिक निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। रायपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। श्रद्धेय कमला दीदी का पार्थिव शरीर कल दोपहर 12 बजे से आमजनों के दर्शनार्थ हेतु विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर में रखा गया है। आज रविवार को दोपहर 1 बजे उनका अन्तिम दर्शन के पश्चात उनका दैहिक संस्कार किया गया।इस दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शांति सरोवर में ब्रह्माकुमारी कमला दीदी के अंतिम दर्शन कर पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। श्रद्धाजंलि समारोह के इस कार्यक्रम के बीच बृजमोहन जी ने शोक सभा में कमला दीदी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने विचार प्रकट किए और कहा कि, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय प्रशासिका ब्रम्हाकुमारी आदरणीया कमला बहन का आकस्मिक निधन हमारे लिए अत्यंत दुःखद है। उनसे हमारा पारिवारिक रिश्ता रहा…मध्यप्रदेश में जब मैं विधायक रहा उस दौरान वे मेरे ही घर पर पांच दिन तक रुकी थी। उन्होंने मुझे हमेशा बड़ी बहन का स्नेह दिया। कमला दीदी के सानिध्य में ही मैंने अनेक बार माउंटआबू में आयोजित शिविरों में भाग लिया था। कुछ समय पहले एयरपोर्ट में उनसे मुलाकात भी हुई थी।ब्रम्हाकुमारी कमला दीदी ने अपना पूरा जीवन, समाज एवं भारतीय संस्कृति के उत्थान हेतु समर्पित कर दिया। छत्तीसगढ़ के सामाजिक, सांस्कृतिक विकास व यहां के युवाओं व सामान्य जन मानस में फैल रहे नशे की मुक्ति के विषय में वें बड़े ही गंभीरता से सोचती थीं। साथ ही इस विषय को लेकर वें सतत प्रयासरत भी थीं। आज कई क्षेत्रों में उन्होंने आध्यात्मिक वातावरण बनाकर अनगिनत लोगों को जोड़ा। उनकी अंतिम विदाई देने के लिए इतने सारे लोग जो यहां उपस्थित हुए है, यही उनकी वास्तविक कमाई है। पता नहीं था इतनी जल्दी हम सब को छोड़कर एकाएक अनंत यात्रा में निकल जाएंगी…। बृजमोहन अग्रवाल जी ने यह भी कहा कि वह सात्विक रूप से गयी है, आत्मीय रूप से वह अभी भी हमारे साथ है। हम सभी को मिलकर उनके सपनों को पूरा करना है। अग्रवाल ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि, भगवान उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे व सभी स्नेह रखने वालों को दुःख की इस घड़ी को सहने की शक्ति दे ।