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बीमारियों से जूझ रहे सैकड़ों रोगियों को रद पूर्णिमा के पावन पर्व पर,चित्रकूट की प्रसिद्ध दिव्य औषधि का किया निशुल्क वितरण

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

रायपुर। कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर चाम्पा, अंबिकापुर, रायगढ़,कोरिया, मुंगेली एवं जशपुर जिले से पहुंचे सैकड़ों मरीजों ने प्राप्त की औषधि संस्थान एवं चिकित्सकों को दिया साधुवाद। अरसे से श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे सैकड़ों रोगियों को २० अक्टूबर बुधवार  को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्वास दमा रोग से मुक्ति  हेतु सेवन की जाने वाली चित्रकूट की प्रसिद्ध दिव्य औषधि का निशुल्क वितरण पतंजलि चिकित्सालय निहारिका, शिव औषधालय मेन रोड कोरबा ,शिव औषधालय एम्.आई.जी.20 आर.पी. नगर फेस 2 कोसाबाड़ी निहारिका कोरबा, शिव हर्बल अल्का कॉम्प्लेक्स टीपी नगर, एवं शिव औषधालय साडा कॉलोनी जमनीपाली द्वारा किया गया। इस संबंध में संस्थान के प्रमुख चिकित्सक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि वंशानुगत और प्रदुषण जन्य कारणों से श्वास दमा सम्बंधी रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमे विभिन्न तरह के उपचार पद्धतियों से उपचार कराने के बावजूद रोगी को अपेक्षित लाभ नही मिल पा रहा है,वहीँ आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति जो लोगो को वर्षों से विशुद्ध एवं निरापद चिकित्सा प्रदान कर रही है। जिसमे श्वास दमा संबंधी रोगों से निजात दिलाने के लिए हर तरह के दुष्प्रभाव से रहित एक चमत्कारिक औषधि जो की चित्रकूट के महात्मा जी द्वारा वर्षों के अनुसन्धान के पश्चात् तैयार की गई है जिसका विधिपूर्वक उपयोग शरद पूर्णिमा में करने पर शत प्रतिशत लाभ होता है । इसी दिव्य औषधि का हमारे पांचों संस्थानों पतंजलि चिकित्सालय निहारिका, शिव औषधालय मेन रोड कोरबा ,शिव औषधालय एम्.आई.जी.20 आर.पी. नगर फेस 2 कोसाबाड़ी निहारिका कोरबा एवं शिव औषधालय साडा कॉलोनी जमनीपाली द्वारा निशुल्क वितरण  किया गया जिसे  कोरबा जिले के ही नही अपितु जांजगीर-चाम्पा, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, अंबिकापुर, कोरिया जशपुर आदि जिलों के सैकड़ों मरीजों ने निशुल्क प्राप्त किया एवं ईस दिव्य औषधि को पाकर अत्यंत प्रसन्नतापूर्वक शिव औषधालय के संस्थापक नाड़ीवैद्य पंडित शिव कुमार शर्मा तथा संचालिका प्रतिभा शर्मा को इस दिव्य औषधि को सहज उपलब्ध कराने पर बहुत बहुत धन्यवाद  एवं साधुवाद दिया, साथ ही संस्थान के चिकित्सक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा, डॉ.वागेश्वरी शर्मा, डॉ.युगेश शर्मा एवं डॉ.जितेंद्र शर्मा द्वारा इस दिव्य औषधि की सेवन विधि,नियम, पथ्य-अपथ्य, तथा लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त कर रोग से मुक्त होने का विश्वास जताया एवं चिकित्सकों को भी सधन्यवाद साधुवाद दिया। साथ ही इस दिव्य औषधि का सेवन किए लोगों ने अपने लाभ के बारे में, अपने दमा रूपी असाध्य रोग से मुक्ति का अनुभव भी सभी के साथ साझा कीये। डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया इस तरह की भ्रांति फैली हुई है कि  दमा दम के साथ जाता है अर्थात ठीक नही होता सर्वथा गलत है ,अपितु संयम नियम औऱ अनुपान का सही ढंग से पालन कर नियमपूर्वक इस दिव्य औषधि का सेवन करने से दमा का ही दम निकल जाता है और दमा रोगी को इस रोग से जड़ से मुक्ति मिल जाती है। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक नाड़ीवैद्य पंडित शिव कुमार शर्मा, संचालिका प्रतिभा शर्मा, चिकित्सक डॉ.नागेंद्र शर्मा, डॉ.वागेश्वरी शर्मा, डॉ.युगेश शर्मा तथा डॉ.जितेंद्र शर्मा के अलावा नेत्रनन्दन साहू, अश्विनी बुनकर, चक्रपाणि पांडेय, धीरज तंबोली, लखन चंद्रा, कमल धारिया, राकेश इस्पात, रोशन कुंजल एवं सिद्धराम शाहनी ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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