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Chhattisgarh

राजीवलोचन मंदिर के आसपास लगा कचरें का ढेर

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“संतोष सोनकर जर्नलिस्ट”

राजिम । राजिम मेला एक मार्च को महाशिवरात्रि के साथ ही संपन्न हो गया उसके बाद कचरे का ढेर जो बना है उससे अभी तक राजिमवासी उबर नहीं पाए हैं राजीवलोचन मंदिर के आसपास कचड़े ढ़ेरी में पड़ा हुआ है अब तो कचरे की ढेर से बदबू आना शुरू हो गया है इससे लोग अत्यंत परेशान हैं इस जगह से गुजरने वाले नाक बंद कर आगे की ओर दौड़ते हुए बढ़ते हैं इस संबंध में रहवासियों ने बताया कि नगर पंचायत के कर्मचारियों को निवेदन किया लेकिन अभी तक कचरे को नहीं उठाया है जिससे लोग अत्यंत परेशान हैं। इसी तरह से नदी क्षेत्र में भी कचरा मुंह खोल कर खड़ी हुई है जिसे गत दिनों कुछ स्वच्छता समितियों ने आकर इन्हें साफ किया परंतु इनके साफ करने के बावजूद अभी भी बड़ी संख्या में गंदगिया स्पष्ट रूप से नजर आ रही है। मेला मैदान पर तो कचरे ही कचरे दिख रहे हैं। इसे साफ करने में ना कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं और ना कोई स्वयंसेवी संस्था आगे बढ़कर कदम बढ़ा रही है नतीजा मीना बाजार के उठने के बाद दृश्य अत्यंत भयवाह दिख रहा है। कहना होगा कि यदि जिला प्रशासन इन्हें साफ करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है तो आने वाला समय किसी गंभीर बीमारी होने से इनकार नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ सरकार ने मेले की तैयारी के लिए अपनी पूरी जी जान लगा दिए थे और जिले के अधिकारी राजिम में डेरा डाले थे जिसके कारण जिले के कार्यालय भी सुना रहा। किसान पटवारी कार्यालय में जाते जरूर थे लेकिन वहां पटवारी नहीं मिलते थे अब दफ्तर में मिलने लगे, तब उनका स्पष्ट कहना था कि मेला ड्यूटी कर रहे थे क्यों दफ्तर में बैठते। ऐसे शब्दों का उपयोग किसानों के साथ करना अच्छी बात नहीं है ऐसे अनेक उदाहरण देखने और सुनने को मिल रहा है। लोगों का स्पष्ट कहना है कि मेले की तैयारी के लिए अधिकारी कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से लगे थे ठीक उसी तरह से कचरे को साफ करने में दिलचस्पी दिखाएं। उल्लेखनीय है कि स्वच्छता रेटिंग में राजिम को पुरस्कार मिला है। जिसे बरकरार रखना बहुत जरूरी है यहां के अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि भी राजधानी में जाकर गर्व के साथ सम्मान लिए थे। वर्तमान में राजिम में जगह जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है इन्हें साफ करना बहुत ही जरूरी है। लोगों ने राजीवलोचन मंदिर के आसपास के कचरे को शीघ्र साफ करने की मांग स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक की है।

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