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लदान नहीं देने कंपनियों को सरकार की सख्त हिदायत: तेजराम विद्रोही

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। खाद कंपनियों द्वारा किसानों को लदान के रूप में अतिरिक्त वस्तु जबरदस्ती थमाया जाता है जिसके कारण खाद की अधिक दाम के रूप में किसानों को आथिर्क भार उठाना मजबूरी हो जाता है। इस विषय पर किसान संगठनों द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार को ज्ञापन के माध्यम से लगातार अवगत कराते आये हैं जिस पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा सभी उर्वरक कंपनियों के मुख्य प्रबंधक एवं प्रबंधक तथा सभी राज्यों के कृषि विभाग के निदेशकों को पत्र जारी कर किसानों को खाद के साथ अतिरिक्त लदान थोपने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया है। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव व छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने भारत सरकार रसायन और उर्वरक मंत्रालय, उर्वरक विभाग नई दिल्ली के पत्र डी.ओ. सं. 24-01 / 2020 – एफएम दिनांक : 17 नवंबर, 2022 का उल्लेख करते हुए कहा कि विभाग के संज्ञान में आया है कि उर्वरक कंपनियां किसानों को बेचते समय अन्य उत्पादों को उर्वरक के साथ जोड़ रही है। यह प्रथा कंपनी की ओर से न्यायोचित नहीं है और गैरकानूनी है क्योंकि इससे उर्वरक की लागत बढ़ जाती है। यहाँ उल्लेख करने की आवश्यकता है कि कृषि प्रयोजनों के लिए उर्वरक अत्यधिक सब्सिडी पर है और किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में सब्सिडी वहन की जाती है। इसके विपरीत अतिरिक्त वस्तु जोड़ने से किसानों के लिए उर्वरकों की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में इसे तुरंत बंद करने की सलाह दी जाती है। यदि खाद के साथ अन्य वस्तु जोड़ने से संबंधित कोई मामला विभाग के संज्ञान में आता है तो संबंधित कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तेजराम विद्रोही ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार की पत्र का स्वागत करते हुए कहा कि मंत्रालय की यह निर्देश किसानों को राहत देने वाली है क्योंकि किसान उर्वरक खादों के साथ अतिरिक्त थोपने वाली लदान से मानसिक और आर्थिक रूप से खासे परेशान थे जिसके विरुद्ध सभी किसान संगठनें एकजूट होकर समय समय पर आवाज उठाते आये हैं। अब हमारी नजर इस बात पर रहेगी कि इस पत्र का पालन कितनी मजबूती से उर्वरक कंपनियों और कृषि विभाग द्वारा किया जाता है।

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