राज्यपाल अनुसुइया उइके ने किया सन्त समागम का शुभारंभ
राजिम। त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित राजिम माघी पुन्नी मेला में संत समागम समारोह का शुभारंभ आज शाम मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन की राज्यपाल अनसुईया उईके द्वारा साधु संत के सानिध्य में किया गया ।राज्यपाल ने भगवान श्री राजीवलोचन और महानदी की पूजा आरती कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। समारोह में धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास,, महंत गोवर्धन शरण जी महाराज, संत विचार साहेब, सिद्धेश्वरानंद जी महाराज, उमेश आनंद जी महाराज, देवदास जी महाराज मंच पर विशेष रूप से मौजूद थे। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उईके ने कहा कि पवित्र नगरी राजिम में आकर अत्याधिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम पुन्नी मेले में आए साधु-संतों, श्रद्धालुजनों का मैं हार्दिक अभिनंदन करती हूं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी राजिम में आने से हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। यहाॅं न सिर्फ सोंढूर, पैरी एवं महानदी का संगम है बल्कि यहाॅं धर्म अध्यात्म एवं आस्था का भी संगम है। साधु संतो का समागम छत्तीसगढ़ के साथ ही देशभर का आयोजन बन गया है। किसी भी मेले का सामुदायिक और सामाजिक महत्व होता है। उन्होंने आगे कहा की भारत साधु-संतों की भूमि रही है उनके आगमन से पवित्रता को प्राप्त करते है। संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है। उन्होंने कहा कि राजिम पुन्नी मेले का सांस्कृतिक महत्व भी है। इस मेले में लोकनाट्य और लोकनृत्य आयोजन होते रहे हैं। ऐसे आयोजन जनमानस को उनकी प्राचीन परंपराओ से जोड़े रखते हैं और नई पीढ़ी को उसका ज्ञान भी कराते है। उईके ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला जैसे आयोजन पर्यटकों को अद्भुत अनुभव देने और आकर्षित करने में सक्षम हैं।आज आवश्यकता इस बात की बढ़ गयी है कि हम कला, साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करें तथा ऐसे प्रयास करें जिससे हमारी कला, संस्कृति और साहित्य से आने वाली पीढ़ी जुडे़। राज्यपाल ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने नदियों, सरोवरों और वृक्षों की महत्ता और उनके संरक्षण पर विशेष बल दिया। आज इस बात की आवश्यकता है कि हम अपने पुरखों द्वारा दिखाई गई राह पर चलें और नदियों को तथा अपने आस-पास के वातावरण को साफ तथा प्रदूषण मुक्त बनाए रखें, पौधे लगाएं और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। राज्यपाल ने लोगों से अपील किया है कि कोरोनावायरस बचने के लिए अभी भी सावधानी बरतें और मास्क का उपयोग करें। जो वैक्सीन नही लगाए है वे वैक्सीन जरूर लगाएं।
इस बार की ब्यवस्था को उन्होंने सराहा और कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में धर्मस्व मंत्री, विधायक अमितेश शुक्ल के मार्गदर्शन में बेहतर आयोजन किया गया है। सरस मेला के माध्यम और विभागीय स्टाल लगाकर योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। प्रशासन द्वारा प्रतिदिन योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक अमितेश शुक्ल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला का भी शुभारंभ जल्दी होने वाला है, यह प्रयास भी सराहनीय है। उन्होंने साधु संतों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
धर्मस्व और जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हम मेला को लगातार अच्छा बनाने के लिए प्रयासरत है। यह मेला आस्था, आध्यात्मिक और संस्कृति का अद्भुत संगम है। वर्ष 2001 में राजिम महोत्सव का नाम दिया गया। आज पुन्नी मेला के रूप में आयोजन किया जा रहा है ।इस बार मेला में हितग्राहियों को सीधा लाभ पहुंचाया गया है।जिसमे विभागीय मंत्री शामिल हो रहे है। उन्होंने मेला के दौरान गतिविधियों को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय को ही ध्यान में रखकर मेला के स्वरूप को बदला है। उन्होने कहा कि हमने श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा है। मंत्री ने राजिम मेला के बारे में विस्तार से जानकारी दें। राजिम विधायक शुक्ल ने कहा कि राजिम की इस पवित्र भूमि छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से जाना जाता है। उन्होंने इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित किया । पुन्नी मेला सदियों से होता रहा है। इस मंच से उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 15 दिनों के लिए शराब बंद किया, जो ऐतिहासिक निर्णय है। इसके लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया।
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास ने राजिम की महत्ता को बताते हुए इस भव्य आयोजन के लिए राज्य शासन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के संस्कृति को पुनर्स्थापित करने का नेक कार्य किया है।कलेक्टर नम्रता गांधी ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि मेला में 80 महिला समुंहो द्वारा सम्भागीय सरस मेला लगाया गया है जहां महिलाएं अपना उत्पाद बेचकर लाभ अर्जित कर रही है। उन्होंने बताया कि विभागीय स्टाल के माध्यम से शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इस अवसर पर गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, नवापारा के अध्यक्ष धनराज मध्यानी, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के अध्यक्ष पुष्पा साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं कलेक्टर नम्रता गांधी, पुलिस अधीक्षक जे आर ठाकुर, अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया मौजूद थे।