शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में,कहा—देश में महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा नहीं
मुंबई।शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लाउडस्पीकर, रामनवमी, हनुमान चालीसा के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि ये विवाद देश को डुबाने वाली साजिश है। देश में महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा नहीं हो रही बल्कि हनुमान चालीसा और मस्जिदों के लाउडस्पीकर के मामलों को लेकर हंगामे किए जा रहा हैं।
सामना में आगे कहा गया कि, धार्मिक घृणा के मामले में हिंदुस्थान का चरित्र अफगानिस्तान से भी ज्यादा बिगड़ गया है।अफगानिस्तान की बागडोर जिस प्रवृत्ति के लोगों के हाथ में है वैसी तस्वीर भविष्य में हमारे देश में निर्माण हो सकती है और वैसी तस्वीर आज दिखाई देने भी लगी है।उन्होंने आगे कहा, हनुमान जयंती पर पहले शोभायात्रा नहीं निकलती थी लेकिन भंडारा जरूर होता था लेकिन अब पूरे देश में हर स्तर पर नफरत फैलाने वाली विचारधारा बढ़ रही है और लोगों को धर्मांध होते देखा जा रहा है। इस परिस्थिति का कोई समाधान नहीं है ऐसी मनोस्थिति में लोग जाने लगे हैं और अधिक-से-अधिक लोग चले गए तो देश का श्रीलंका अथवा अफगानिस्तान बनने में समय नहीं लगेगा।
सामना में आगे कहा गया कि, साध्वी ऋतंभरा ने इसी माहौल में एक महागर्जना की है। यानी, ‘हिंदू चार बच्चे पैदा करें और उसमें से दो बच्चे संघ को दें।’ अब सवाल है कि क्या संघ इससे सहमत है? एक तरफ बीजेपी जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की भूमिका में है और दूसरी तरफ बीजेपी के ही नेता संघ परिवार बढ़ाने के लिए जनसंख्या बढ़ाने की बात कर रहे हैं। जितने लोग हैं उनके लिए नौकरियां और अन्न नहीं हैं तो बढ़ती जनसंख्या का क्या? हिंदुस्तान में भूख और भूखमरी बढ़ गई है। इस मामले में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल की स्थिति हमसे बेहतर है।