तहसील कार्यालय में फरियादियों के लिए न पंखे न पानी, 43 डिग्री सेल्सियस में लोगों का हाल बेहाल
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । गरियाबंद जिला का प्रमुख शहर राजिम के तहसील कार्यालय में फरियादियों के लिए न ही पंखे की व्यवस्था है और न ही पानी की व्यवस्था। लोग तपती धूप में आकर पेड़ के छांव के नीचे कुछ समय सुस्ताने के बाद जैसे ही दफ्तर में प्रवेश करते हैं यहां बैठने के लिए कुर्सी जरूर लगाई गई है परंतु ऊपर छत पर मात्र एक पंखा हैं वह भी बंद पड़ा हुआ था। जबकि इस परिसर में अलग-अलग जगह करके चार से पांच पंखे लगाए जा सकते हैं और फरियादियों के लिए पंखे के अलावा कूलर की भी व्यवस्था की जा सकती है ताकि यहां आकर वह रिलैक्स महसूस करें। परंतु ऐसा कुछ नहीं है और तो और ठंडे पानी की भी कहीं व्यवस्था नहीं देखी गई। लोग पानी के लिए इधर उधर होटलों या फिर अन्य जगह जाना पड़ता है। कुछ साल पहले यहां बोरिंग की भी व्यवस्था थी लेकिन उसे बंद कर दिया गया। ठंडे जल एवं पंखे की व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। परंतु इस बात को तहसीलदार साहब के पास पहुंचाए तो पहुंचाए कौन। नतीजा लोगों को ही परेशानियों से जूझना पड़ रहा है उल्लेखनीय है कि शहर में गर्मी का पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है सुबह से ही गर्मी का एहसास होना शुरू हो जाता है देखते ही देखते 12:00 बजे तक तो सड़क से ही सीधे सर पर लू पड़ती है। 1:00 बजे के बाद सड़के सुनी हो जा रही है। वैसे अभी शादी सीजन चल रहा है इस लिहाज से सामान खरीदने के लिए लोगों की रेलम पेल भी है लेकिन दोपहर होते तक दुकानों से भी ग्राहक नदारद हो जाते हैं। बताना होगा कि सरकारी दफ्तरों में ठंडे पानी एवं आम जनता के लिए पंखे की व्यवस्था नितांत आवश्यकता है परंतु दोनों नहीं होने से जनता कभी अपने साथ में पकड़े गमछा से ही हवा झेलने का काम करते हैं तो कोई पेड़ के छांव के नीचे बैठकर गर्मी को रफू चक्कर करने का प्रयास करते हैं। कुछ भी हो इस बार की गर्मी ने हाल बेहाल करके रख दिया है। चिपचिपी पसीने एवं घमोरिया आम हो गई है इस पर डॉ लगातार सावधानी बरतने की नसीहत जरूर दे रहे हैं।