रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसानों के 43 वें दिन धरना में बड़ी संख्या में महिलाएं हुई शामिल,महिलाओं ने जीएम से पूछा कब तक मिलेगी जमीन के बदले रोजगार
कोरबा। कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31अक्टूबर से लगातार जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले आंदोलन कर रहे है दो बार खदान को बंद भी किया गया जिसमें एसईसीएल प्रबंधन को अरबों का नुकसान हुआ। धरना प्रदर्शन के 43 वें दिन बड़ी संख्या में भू विस्थापित परिवार की महिलाएं धरना में शामिल हुई। महिलाओं ने धरना के बाद जीएम कार्यालय में जाकर जमीन के बदले रोजगार की जानकारी मांगनी चाहिए लेकिन प्रबंधन ने डर के मारे स्वयं मेनगेट को बंद कर लिया महिलाओं ने प्रबंधन को कहा कि जमीन के बदले रोजगार देना होगा। प्रबंधन के द्वारा जवाब नहीं देने पर महिलाओं ने घंटो जी एम कार्यालय का घेराव कर दिया उसके बाद प्रबंधन को पुलिस की सुरक्षा में आंदोलनकारि महिलाओं से बात करना पड़ा।
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं करेगा तो संघर्ष और तेज होगा।
धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से मानकी बाई कुर्रे,मधु भारद्वाज,अमृत बाई, संतोषी बाई, राधा बाई, सरिता,गीता यादव, सुस्मिता, चन्द्रिका बाई उपस्थित थी।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मानकी बाई कुर्रे ने कहा कि आंदोलन में अब पूरा परिवार सहित आंदोलन में शामिल होंगे। अब महिलाएं भी बड़ी संख्या में जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे और अपने परिवार सहित खदान को बंद करेंगे। आंदोलन में राजेश्वरी, गीता यादव, सुष्मिता, चन्द्रिका, लक्ष्मीन,रेवती,संगीता, उषा,संतबाई, शाकुंतला,नैना के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थे।