माघी पुन्नी मेला को मात्र 21 दिन शेष, पिछले 27 दिनों से काम बंद,आरक्षित भूमि पर लगा लाल झंडी

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । प्रदेश के प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला तो अब मात्र 21 दिन शेष बचा हुआ है परंतु अभी तक प्रशासनिक तौर से न ही नवीन मेला ग्राउंड पर कोई काम दिख रहा है और नहीं कहीं पर कुछ क्रियाकलाप दिखाई दे रहा है। सोमवार को शाम 4:00 बजे हमारे संवाददाता नवीन मेला ग्राउंड का मुआयना किया तो वहां काम पूरी तरह से बंद दिखा तथा आरक्षित 54 एकड़ भूमि पर लाल झंडी गढ़ा हुआ दिखाई दिया। आगे जाकर देखा तो कुछ पेड़ मैदान को समतल करने के साथ ही उखड़े हुए दिखे। प्रदेश की कांग्रेस सरकार यहां पर स्थाई रूप से मेला के कार्य करना चाहते हैं इनके लिए लगातार जिले के आला अधिकारी स्थल का निरीक्षण करने के लिए उपस्थित हो रहे हैं लेकिन काम की गति रुकने से लोग संशय में हैं कि इस बार भी पिछले 2 सालों से हो रही लगातार घोषणा की तरह की फिर से स्थाई निर्माण को तवज्जो नहीं मिलेगी। कुछ दिन काम चलने के बाद 28 दिसंबर से काम बंद हो गया है जो अभी तक बंद ही दिखाई दे रहा है। इस 54 एकड़ के विशाल भूभाग को पूरी तरह से समतल किया जाए तो मैदान की आभा अपने आप निखरेगी और बड़े से बड़े निर्माण कार्य को गति मिलने में देर नहीं लगेगी। तटबंध के पास गड्ढा है इसको पाटने में ही लंबा समय लगेगा। मैदान की लेवलिंग काम पूरी तरह से बंद है जबकि पिछले महीने प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू निरीक्षण के लिए पहुंचे तो उन्होंने अधिकारियों को खासतौर से निर्देशित किया था कि 1 हफ्ते के अंतर्गत लेवलिंग काम पूरी हो जानी चाहिए लेकिन उनके जाने के बाद से ही काम कुछ ही दिन चला और बंद हो गया जो अब तक 27 दिन हो गए कहीं कोई प्रगति नहीं दिख रही है। आज जब पहुंचे तो नया कामों में मात्र लाल झंडा गड़ा हुआ दिखाई दिया उसके बाद और कुछ नहीं दिखा। प्रदेश सरकार के मंशा के अनुरूप यहां पर चौड़ी सड़क के अलावा पाथवे बनाने का काम भी होना है स्थाई निर्माण में संतो के लिए कुटिया, मीना बाजार के लिए मैदान जैसे ढेरों काम स्थाई रूप से कराने हैं इनके लिए लगातार काम चलना चाहिए। दो महीना पहले तत्कालीन जिला कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे तो उस समय उन्होंने बताया था कि मूर्त रूप लेने में तीन से चार साल का समय लगेगा। उन्होंने स्थाई निर्माण के लिए कुछ पैसे स्वीकृति की भी जानकारी दी थी। दूसरी ओर जिनके निजी जमीन अधिकृत किया गया है उनको अभी तक प्रशासन नवीन जगह पर भूमि आवंटित करके उन्हें बनाकर नहीं दिया है जिससे इनमें प्रशासन के कार्यों के प्रति निराशा है। बताना होगा कि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के पास कुछ किसानों ने अपनी बात रखी थी जिस पर उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र किसानों की समस्या सुलझाने की बात कही थी उस दिशा में भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ज्ञातव्य हो कि इस नवीन मेला ग्राउंड के सड़क भी अत्यंत जर्जर है पुल की सड़क में बड़ी-बड़ी गिट्टी निकल कर बाहर आ गई है। अनेक समस्याएं है लेकिन प्रशासन की ओर से एक भी निर्माण कार्य नहीं होने से लोग इनके कार्यशैली पर चर्चा जरूर कर रहे हैं। समय कम है और जिला प्रशासन के साथ प्रदेश सरकार की सुस्त रवैया चिंता का विषय बनी हुई है।

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