माता- पिता के सच्चे साथी होती है बेटियां – जगदीश
राजिम 26।विश्व बेटी दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय आनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था उक्त आयोजन में शिक्षक, साहित्यकार ,कवि, राजनितिज्ञो ने बड़ी संख्या में भाग लेकर बेटियों के प्रति सारगर्भित विचार रखते हुए सभी ने एक सुर में बेटियों को देश के आन बान और शान के रूप में बतलाते हुए अपना विचार साझा किया। जगदीश यादव अध्यक्ष नगर पंचायत फिंगेश्वर ने कहा – बेटी एक परिवार का अमूल्य धरोहर है जो माता पिता के सच्चे सुख दुःख का साथी होता है जब तक वह माता पिता के साथ रहती है तब तक हर परिस्थितियों में वे उनकेे साथ खड़ी रहकर साथ देती है आज की बेटी कई ऐसे समाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर रहकर समाज के कल्याण के लिए लगातार निमित्त खड़े होकर पूरे इमानदारी के साथ कार्य कर रही हैं । अगर बेटा हीरा है तो मोती से कम नही है बेटियां इसलिए बेटों के बराबर बेटियों को मान सम्मान व उनका अधिकार दें । परमानंद यादव भगवताचार्य फिंगेश्वर ने कहा जब से सृष्टि का निर्माण हुआ है तभी से बेटियों का मान है पुराणों में वर्णित जब से सृष्टि की रचना हुई है माता सतरूपा के गर्भ से ही उत्तानपाद जैसे पुत्रों का प्रादुर्भाव हुआ है तभी से प्रथम संतान लाने का जो कार्य बेटियों को ही जाता है जो बड़ी होकर विवाह बंधन में बंधने के बाद जिन्हें सृष्टि के संचालक के रूप में आदि शक्ति के रूप में देखा जाता है इसलिए हमारे जीवन में बेटियों का जो महत्व है उसका वर्णन नही किया जा सकता अर्थात हम सभी के लिए बेटियां पूज्यनीय है ।थानू निषाद शिक्षक एवं साहित्यकार फिंगेश्वर ने कहा – एक बेटी का बाप होना अपने आप में बहुत बड़ा सौभाग्य का विषय है जिस परिवार व समाज में बेटियों का मान सम्मान है वह परिवार वास्तव में किसी मंदिर से कम नही वहां साक्षात् लक्ष्मी निवास करती हैं इसलिए बेटों के बराबर बेटियों को उनका अधिकार दें । छुरा के शिक्षक एवं साहित्यकार – ने कहा बेटी किसी दंपति के लिए ईश्वर की सौगात होती है बेटियों से ही संसार आबाद है बेटियां परिवार में एक बहन , भाभी,ननंद, बीवी माँ जैसी कई रिश्वतों का निर्वहन करके परिवार को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती हैं । मनोज सेन मुख्य उद्घोषक राजिम महाकुंभ ने कहा – बेटियां हमारे परिवार का आन बान और शान है जिस प्रकार से नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा नव रूपों में भक्तजन पूरे श्रद्धा भाव में डूबकर पूरे नव दिनों तक करते हैं हर दिवस का अपना एक अलग महत्व है जो अंतिम दिवस में कन्या भोज बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ कराते हैं वैसे ही पूरे जीवन काल तक बेटियों का मान सम्मान करें बेटी आज है तभी कल हैं । पाली के शिक्षक व्याख्याकार भूषण कुंजे ने कहा जिस प्रकार से हमारी बेटियों ने ओलम्पिक हो या पैरा ओलम्पिक भारत के लिए सबसे ज्यादा बेटियों ने ही पदक दिलाने में सफल रहे जिसके कारण पूरा हिन्दुस्तान गर्व महसूस कर रहा है इस शानदार उपलब्धि के लिए देश राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी उनके इस उपलब्धि के लिए दिल खोलकर बेटियों को बधाई दी एवं उनकी प्रशंसा की। धनंजय हरित समाजिक कार्यकर्ता ने कहा – बेटियों से हैं मुस्कान तो बेटियों से ही हैं सारा जहान आज बेटों की तरह बेटियां हर क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र हो चाहे चाहे राजनीति आज ऐसा कोई भी क्षेत्र अछुता नही बचा जहां हमारी बेटियों को सफलता न मिली हो बेटियों के कारण ही हमारे समाज आज हमारे देश उच्च शिखर पर गुंजायमान हो रहा है ।
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”