बाढ़ का पानी उतरने के बाद त्रिवेणी संगम का दृश्य हुआ सुहाना,बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक
राजिम । बाढ़ का पानी उतरने के बाद त्रिवेणी संगम दृश्य अत्यंत सुहाना हो गया है। तीनों नदियां सोंढ़ूर, पैरी एवं महानदी संगम से आ रही पानी की धार स्वच्छ एवं ठंडकता लिए हुए हैं जिन्हें देखकर श्रद्धालुगण भाव विभोर हो रहे हैं। रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक प्रयाग नगरी राजिम पहुंचे हुए थे। संगम में आकर उन्होंने स्नान किया तथा प्रसिद्ध राजीवलोचन मंदिर एवं कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के दर्शन पश्चात मंदिरों में उकेरी गई मूर्तिकला के नमूना देखकर आश्चर्यचकित हो गए। वह कहने लगे कि इतनी सुंदर कलाकृति दुनिया में शायद ही देखने को मिलेगा जो राजिम के प्राचीन मंदिरों में संरक्षित है। उल्लेखनीय है कि गत 15 सालों से लगातार मेले के समय नदी पर सड़क बनाने के लिए मुरूम एवं बजरी गिट्टी डाली जा रही थी जिससे संगम में रेत के बजाय मुरूम की मात्रा बढ़ गई थी लेकिन इस बाढ़ ने हर कमी को पूरा कर दिया है अब नदी में रेत ही रेत दिख रहे हैं। सोंढूर, पैरी दोनों नदियों में रेत की मात्रा बढ़ने से धवल दिखाई दे रहा है। सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर शाम तक अपने अपने वाहन से वापस लौटते रहे। स्वच्छ वातावरण यहां की खूबी बनती दिखाई दे रही है। अन्य तीर्थ क्षेत्रों की अपेक्षा राजिम संगम जिन्हें छत्तीसगढ़ का प्रयाग तथा देश का दूसरा प्रयागराज माना गया है। लोग संगम के मध्य स्थित मंदिर को देखते ही रहे तथा एक दूसरे में वार्तालाप करते हुए कह रहे थे कि गत 14 सौ सालों से आ रही विकराल बाढ़ के बावजूद मंदिर अपने स्थान पर अडिग है यह सोचनीय विषय है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में हुआ है। चर्चा के दौरान श्रद्धालुओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्मित लंबी सस्पेंशन ब्रिज ने काफी प्रभावित किया है। बता देना जरूरी है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में रायपुर के महादेव घाट में लक्ष्मण झूला बना हुआ है उसके बाद सबसे लंबी लक्ष्मण झूला राजिम को ही कहा जाता है। ऋषिकेश में सबसे पहली लक्ष्मण झूला बना था। ज्ञातव्य हो कि लक्ष्मण झूला में छिटपुट काम अभी भी चल रहा है जिसके कारण उनका लोकार्पण अटका हुआ है यहां के लोगों की प्रदेश शासन से लगातार मांग चल रही है कि काम को शीघ्र पूर्ण कर जनता को समर्पित किया जाए ताकि लक्ष्मण झूला का लुफ्त उठाने का अवसर स्थानीय पर्यटकों को शीघ्र मिले। संगम में अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ आए हुए थे वह कहीं छाया देखकर तो कोई नदी किनारे ही भोजन का आनंद भी लिये। भिलाई से पहुंचे मनोज कुमार साहू, दीक्षा देवांगन, श्रीकांत वर्मा, रायपुर के मयंक शर्मा, संतोष सोनकर, रामेश्वर शर्मा, गोकुल सेन, महेंद्र द्विवेदी ने बताया कि यहां स्वच्छ वातावरण देखने को मिल रहा है। दर्शन पूजन के साथ ही स्नान और प्राकृतिक सुंदरता हमें मोहित कर दिया है। ऐसी ही स्वच्छता बनी रहे तो बार-बार आते रहेंगे। वैसे भी पितृपक्ष चल रहा है। लोग प्रतिदिन स्नान एवं तर्पण के लिए पहुंच रहे हैं।
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”