पटना का महावीर मंदिर पुरातन मंदिर है, इसकी स्थापना लक्ष्मण ने किया था :रामभद्राचार्य
बिहार।पटना महावीर मंदिर पहुंचे श्री चित्रकूट तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बुधवार को कहा कि पटना का महावीर मंदिर पुरातन मंदिर है। इसकी स्थापना भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने किया था। पाटलिपुत्र लक्ष्मण का ननिहाल था। उन्होंने इस मंदिर की स्थापना पाटलिपुत्र को विधर्मियों से बचाने के लिए किया था।
उन्होंने कहा कि पटना के महावीर मंदिर लक्ष्मण द्वारा स्थापना का उल्लेख सन्मत रामायण में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास की सर्वप्रथम रचना है। इस रचना की बदौलत ही उन्हें हनुमान लला के दर्शन हुए। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से किसी भी तरह की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने ज्ञानवापी सर्वे को उचित बताते हुए कहा कि ज्ञानवापी के जल के एक घूंट में काफी ताकत है। उन्होंने भी ज्ञानवापी का जल पीया है। हिन्दू असहिष्णु नहीं हैं। वे सह अस्तित्व की भावना में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि पूजा लाउडस्पीकर लगाकर नहीं होनी चाहिए। इस मामले में वे राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पर आग्रह करेंगे। इसके पहले महावीर मंदिर पहुंचने पर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने रामभद्राचार्य जी महाराज का स्वागत किया। उन्हें और उनके उत्तराधिकारी रामचंद्र दास को सम्मानित किया गया। जगद्गुरु ने महावीर मन्दिर में युग्म हनुमानजी की पूजा-अर्चना की।इस अवसर पर संत घनश्याम दास हंस, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य गणपति त्रिवेदी, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी डॉ. उपेन्द्रनाथ पांडेय, आचार्य अवधेश दास, वैदेही शरण दास, रोहित दास, श्रीमद भागवत गीता आपके द्वार अभियान के संस्थापक संजीव कुमार मिश्र, फ्री थिंकर एसोसिएशन के अजीत कुमार शुक्ला सहित अनेक लोग मौजदू थे।