पोला पर्व सोमवार को मिट्‌टी से बने बैल व खिलौनों की पूजा कर मनाया जाता है त्योहार,मिट्टी से बनी बैल जोड़ी₹50 में बिक रहा

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राजिम । अंचल में पोला पर्व सोमवार को मनाई जाएगी इसकी तैयारियां प्रारंभ हो गए हैं। इस पर्व में खासतौर से मिट्टी के बैल की पूजा अर्चना कर बैलों के प्रति किसान कृतज्ञता अर्पित करते हैं। परंपरा का निर्वहन के लिए लोग मिट्टी के बैल में चाक लगाते हैं और पूजा-अर्चना कर बच्चे इन्हें दौड़ा कर खेल करते हैं वहीं इस दिन बड़ी संख्या में बैल दौड़ भी किया जाता है। पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान कोई आयोजन नहीं हुए थे इस बार बैल दौर व सजावट या फिर लोक खेल होने का अंदेशा है हालाकी जानकारी नहीं मिली है लेकिन उम्मीद की जा रही है। बताना जरूरी है कि इस लोक पर्व में किसानों का उत्साह उभरकर सामने आता है और कृषि कार्य मे सहयोग देने वाले बैलों की पूजा की जाती है तथा ग्रामीण देवी-देवताओं के पास जाकर मिट्टी के बैल चढ़ाकर पूजन आराधना किया जाता है। बस स्टैंड के पास बड़ी संख्या में कुम्हारों के द्वारा नादिया बैल के साथ ही चुकी पोरा बेचने के लिए पसरा लगाकर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बैल जोड़ी ₹50 में बेच रहे हैं। पूरा सेट सौ के लगभग दे रहे हैं। इस दिन छत्तीसगढ़ी पकवान बनाई जाती है खास बात यह है कि यह व्यंजन महीने भर तक खराब नहीं होते हैं। दूसरी ओर अमावस्या होने के कारण स्नान दान के साथ ही पूजन आराधना का कृत्य किया जाता है। पवित्र नदियां त्रिवेणी संगम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन करते हैं। उल्लेखनीय है कि 3 दिन बाद तीजा का त्यौहार मनाया जाता है जिसमें महिलाएं अपने मायके में आकर इस त्यौहार को मनाती है इस लिहाज से सड़कों पर आने जाने वालों की भीड़ बढ़ गई है।

“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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