नवीन मेला ग्राउंड में स्थाई निर्माण के लिए तैयारी शुरू, लेवलिंग का काम जारी, डोम सहित बनेंगे धर्मशाला
राजिम । त्रिवेणी संगम से लगा हुआ सोंढूर, पैरी नदी के तट पर आरक्षित 54 एकड़ जमीन में इस बार राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारी शुरू हो गई है। जेसीबी मशीन से लेवलिंग का काम जारी है। वैसे भी मेला को अब रही सही ढाई महीने ही शेष रह गया है। 16 फरवरी से राजिम मांघी पुन्नी मेला है। मेले का स्वरूप वृहद है जिसमें देशभर के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं तथा माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक तीन प्रमुख स्नान होते हैं। इस कृत्य के लिए संगम में आकर अपनी श्रद्धा भावना निछावर करते हैं और मेले में घूमकर खरीदारी के अलावा प्रवचन आदि धार्मिक दर्शन पूजन एवं मेला भ्रमण करते हैं। इसके लिए व्यापारी पहुंचकर अपनी दुकान लगाते हैं एक बड़ी जगह पर मीना बाजार सजता है तथा सड़कों का जाल बिछा रहता है लोगों को एक छोर से दूसरे छोर जाने में घंटों समय लगता है। एक बड़ी जगह पर अस्थाई शहर बसता है। इसकी तैयारी अस्थाई रूप से महीने दिन पहले ही शुरू हो जाती है परंतु इस बार प्रदेश शासन के मंशा के अनुरूप सारे कार्य नवीन मेला मैदान में स्थाई रूप से होने हैं। इसी परिपेक्ष में आज गुरुवार को शाम 3:00 बजे जिला कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर, अनुविभागीय अधिकारी अविनाश भोई, तहसीलदार अनुपम टोप्पो, पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ अवधेश ठाकुर, नगर पंचायत के इंजीनियर के साथ ही चौबेबांधा एवं राजिम के हल्का पटवारी मौजूद थे। उन्होंने पूरे नवीन मेला ग्राउंड का निरीक्षण किया तथा मौजूद कनिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिये। इस मौके पर कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार नवीन मेला स्थल पर कार्य शुरू हो गया है। बरसात की वजह से काम रुक गया था लेवलिंग का काम चल रहा है। धर्मस्व विभाग के द्वारा डोम बनना है है उसके लिए पैसे सेंशन हो रहे हैं। इसके अलावा सामाजिक भवन के लिए 50 लाख तथा एप्रोच रोड आदि के काम को देखने के लिए माघी पुन्नी मेला की तैयारी हेतु मेला से पहले ही पूर्ण करने की योजना है संगम में बने लक्ष्मण झूला में काम चल रहा है जो कुछ ही दिनों में पूर्ण हो जाएगा। ज्ञातव्य हो कि लक्ष्मण झूला में काम अभी भी चल रहा है क्षेत्र के लोगों ने बरसात से पहले शुरू कराने की मांग किया था लेकिन अपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इन्हें शुरू नहीं किया अब माघ पूर्णिमा तक शुरू करने की तैयारी है। जिला कलेक्टर ने आगे बताया कि मेला नई जगह पर होने की सोच है है उसे क्रियान्वित किया जा रहा है। होने वाले निर्माण कार्य स्थाई होंगे कि अस्थाई इस बात पर उन्होंने कहा कि पूर्व समय में संगम नदी में मेला लगने के कारण सारे निर्माण अस्थाई होते थे। खर्चा भी बहुत होता था। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार यहां जो भी काम होगा वह स्थाई एवं पूर्णकालिक होगा तथा पूरे वर्ष पर अलग-अलग कार्यक्रम होते रहेंगे। सड़क, टॉयलेट, सुरक्षा तथा पुलिस भवन के लिए डिक्लियर हो गया है यह बहुत बड़ा काम है जो आगामी तीन चार वर्षों तक लगातार बनता रहेगा। इस वर्ष डोम आदि कुछ और काम होंगे उसके लिए दो करोड़ राशि स्वीकृत हुए हैं। इसके साथ ही तीन-चार रोड के लिए सेंशन हुआ है। नवीन मेला ग्राउंड में कहां पर क्या होगा यह उत्सुकता लोगों में बनी हुई है। अब देखना है इन ढाई महीने में क्या-क्या स्थाई रूप से होते हैं।