ग्रामीण कृषि कार्यानुभव उन्मुखीकरण हेतु कार्यक्रम सम्पन्न

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कुरूद। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केद्र, कुरुद में बी.एस.सी. (कृषि) चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा शिक्षक दिवस मनाया गया एवं साथ ही महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं सह प्राध्यापको के द्वारा छात्र- छात्राओं हेतु ग्रामीण कृषि कार्यानुभव उन्मुखीकरण कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम की शुरुवात शिक्षकों द्वारा संयुक्त रुप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। उक्त दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के समस्त शिक्षको को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी. के. चौधरी के द्वारा छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सस्कृति मे माता पिता से भी ऊंचा दर्जा गुरु को दिया जाता है एक तरफ जहॉ माता पिता बच्चे को जन्म देते है तो शिक्षक उनके जीवन को आकार देते है। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमारे जीवन मे आगे बढ़ने एवं उंचाईयो को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। सभी छात्र-छात्राओं को निश्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दुर कर हमे एक बेहतर इंसान बनाते हैं। मनुष्य के जीवन मे शिक्षको के इस योगदान के लिए हमे अपने शिक्षको का हमेशा आदर व सम्मान करना चाहिए। ग्रामीण कृषि कार्य का अनुभव कराने हेतु उन्मुखीकरण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य छात्र- छात्राओं के द्वारा किसानो की समस्याओं का अध्ययन कर सूचीबध्द करना एवं किसानों के वर्तमान, सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियों का अध्ययन कर कृषि की नई तकनीकियों को किसानों तक पंहुचाने का कार्य इस माध्यम से किया जाना है। इस कार्यक्रम में डॉ.रविन्द्र वर्मा, डॉ. विनय समाधिया, डॉ. अमित दीक्षित, डॉ. ऋषि कुमार महोबिया, श्रीमति भुमिका कोमा, डॉ. परमानन्द साहू, डॉ. सुनील नरबरिया, जसपाल मनहरे, डॉ.नीयति पाण्डेय, आर्यमा भारती,, डॉ. पप्पूलाल भैरवा, भावना मत्स्यपाल, डॉ. गागेन्द्र राजपूत, जीतेन्द्र साहू एवं शैलेंद्र साहू के द्वारा व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु घनश्याम प्रसाद चन्द्राकर, दुलार साहू, रणवीर बघेल, चेतन सोनी, नम्मु देवांगन एवं श्रीमति दीपा सोनी की भूमिका सराहनीय रही।
“दीपक साहू की रिपोर्ट”

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