गणतंत्र दिवस पर चौबेबांधा के राहुल पटेल को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में चौबेबांधा राजिम के राहुल पटेल पिता मंगतूराम पटेल को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2020-21 से पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार के तौर पर एक पदक, प्रमाण पत्र एवं राशि दी जाएगी। साथ ही विद्यालय के पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है। भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली द्वारा बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर वर्ष 26 जनवरी की पूर्व संध्या दिए जाते हैं। 1957 में यह पुरस्कार शुरू किए गए थे। इस वर्ष छत्तीसगढ़ के कुल 4 बच्चों का चयन किया गया है जिनमें से रायपुर के कु. उन्नति शर्मा, चौबेबांधा राजिम गरियाबंद के राहुल पटेल, धमतरी के जानवी राजपूत, कोरबा के ज्योति जाहिरे हैं। इन चारों बच्चों का इस पुरस्कार के लिए चयन होने पर पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इधर राजिम क्षेत्र में खुशी की लहर है। चौबेबांधा में तो चर्चा का माहौल बना हुआ है। राहुल के अदम्य साहस एवं उनकी सोच तथा जज्बा को लोग सलाम कर रहे हैं। 17 जनवरी को राहुल पटेल अपने पिता के साथ पुरस्कार लेने दिल्ली चले गए हैं इधर घर में खुशी का माहौल है। उल्लेखनीय है कि गांव के पीलूराम यादव के दो वर्षीय पुत्र दानेश्वर यादव 17 अक्टूबर 2019 दिन गुरुवार को खेलते हुए शीतला तालाब में पहुंच गया। तालाब की गहराई 15 से 20 फीट थी। बालक तालाब में करीब 10 फीट दूर पानी में डूबने लगा था। तालाब के दूसरी ओर रंगमंच बना हुआ है जिसमें राहुल पटेल खेल रहा था। राहुल का ध्यान अचानक तालाब की ओर गया उसने देखा कि पानी में कोई छोटा बालक डूब रहा है स्थिति की गंभीरता को वह तुरंत भांप गया और डेढ़ सौ मीटर की दूरी तक दौड़ते हुए पहुंचा तथा जान की परवाह न करते हुए जो कपड़े पहने थे उनके साथ ही तालाब में छलांग लगा दी और वह डूबते हुए बालक दानेश्वर यादव को खींचकर तत्परता के साथ तालाब से बाहर निकाला। चूंकि राहुल को तैरना आता था। छोटे बच्चे राहुल की सूझबूझ ने दानेश्वर की जान बचा दी। यह खबर गांव वालों को लगी तो उन्होंने राहुल के साहस को सलाम करते हुए उन्हें गांव स्तर पर सम्मानित किया। सन् 2020 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया था।
इधर राहुल का परिवार खुशी से झूम रहा है। पिता मंगतूराम पटेल, मां महेश्वरी पटेल अपने बेटे के कारनामे की चर्चा करते हुए थक नहीं रहे हैं वह कहते हैं कि हमारा परिवार बहुत ही सौभाग्यशाली है जिसमें राहुल पटेल जैसे बच्चे ने जन्म लिया है। उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए 2 वर्षीय बच्चे को बचाकर वीरता का परिचय दिया है। राहुल की दादी गणेशिया बाई पटेल बताती है कि मेरे नाती ने बहुत बड़ा काम किया है। राज्य सरकार के बाद अब भारत सरकार उन्हें सम्मानित कर रही है इससे ना सिर्फ मैं और मेरा गांव बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है। अपनी जान में खेलकर जो दूसरों को बचाए इससे बड़ा और क्या काम हो सकता है। अपने लिए तो सभी जीते हैं जो दूसरों के लिए जिए वही दुनिया में इतिहास बनाते हैं। उनके बड़े पापा होरी लाल पटेल, चाचा भागवत पटेल सहित परिवार के सभी बहुत ही प्रसन्न है और उन्होंने बताया कि राहुल खोजी प्रवृत्ति का बालक है उनका ध्यान हमेशा अच्छे काम करने में लगा रहता है। बताना जरूरी है कि राहुल वर्तमान में कक्षा दसवीं का छात्र है। इनकी बड़ी बहन स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई शासकीय राजीव लोचन महाविद्यालय से कर रही है तथा बड़े भाई जितेंद्र ड्राइवर का काम करता है। परिवार अत्यंत गरीब है। रोजी मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। मिट्टी व खपरैल के बने घर पर रहते हैं। पिता मंगतूराम भी रोजी मजदूरी करते हैं।इन्हें यहां पुरस्कार 2020-21 में ही मिलना था। लेकिन कोरोना काल के कारण टल गया। परंतु अब 26 जनवरी 2023 को यह पुरस्कार मिलेगा। महिला बाल विकास विभाग के प्रदीप जगताप ने बताया कि इस बालक से मिलने पर हमें बहुत खुशी होगी सचमुच में बालक राहुल ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। दिल्ली में मिलने वाले सम्मान को लेकर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर देखी जा रही है।