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Chhattisgarh

कामगारों की बहाली व अन्य मांगों को लेकर,ऊर्जाधानी संगठन ने श्रमिक चौक में शुरू किया 72 घण्टे तक आमरण अनशन

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा,दीपका/गेवरा । ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने पूर्व घोषित आंदोलन के अनुसार साइलो एवं सीएचपी से निकाले गए मजदूरों की बचे रोजगार बहाली के लिए और अन्य मांगों को लेकर पिछले 5 दिसम्बर से शुरू आन्दोलन का विस्तार कर दिया है । कोरोना महामारी के निर्देशो के कारण अनिश्चितकालीन साइलो बंदी के कार्यक्रम को डायवर्ट करते हुए तथा कोरोना की महामारी की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए मुंह पर मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर 11 जनवरी को ग्राम झाबर के कॉलेज मैदान पर बैठकर शांतिपूर्ण एक दिवसीय उपवास एवं धरना प्रदर्शन किया गया था और घोषणा किया गया था कि 13 जनवरी से नागार्जुन कम्पनी के कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना और प्रदर्शन किया जाएगा । आज अपने आंदोलन को आमरण अनशन के साथ श्रमिक चौक में पंडाल लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है ।

गौरतलब है कि पूर्व में साइलों के ठेका मजदूरों की बहाली के लिए एक माह पूर्व 3 घंटे तक साइलो व सीएचपी को बंद किया गया था तथा एसईसीएल प्रबंधन ठेका कंपनी नागार्जुन के अधिकारी ऊर्जाधानी भूविस्थापित संगठन के पदाधिकारी और ठेका मजदूरों के साथ मांगों को लेकर 15 दिवस के भीतर में बहाली करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी और एसईसीएल प्रबंधन के मौजूदगी में एसईसीएल ठेका कंपनी नागार्जुन ने लिखित आश्वासन दिया गया था लेकिन कुछ ही मजदूरों की बहाली किया गया और फिर से दोबारा आश्वासन देकर बाकी मजदूरों को 15 दिवस के भीतर में बहाल कर दिया जाएगा कह के एसईसीएल प्रबंधन और ठेका कंपनी नागार्जुन ने लिखित आश्वासन में कही गई थी लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया गया जिसे लेकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन ने ठेका मजदूरों के साथ एसईसीएल प्रबंधन और ठेका कंपनी नागार्जुन ठेका कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ।

संगठन के दीपका कार्यवाहक अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम एवं कोरबा अध्यक्ष गजेंद्र ठाकर ने सयुंक्त रूप से कहा है कि पूर्व में घोषित आंदोलन के तहत एसईसीएल दीपका के साइलो व सीएचपी अनिश्चितकालीन बंदी आंदोलन को कोरोना महामारी की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए मुंह पर मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर अगले 72 घण्टो तक अन्न जल त्याग कर पूर्णतः शांतिपूर्ण आमरण अनशन किया जाएगा । 11 जनवरी को ही दोनों प्रबधन के अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया था कि 13 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा किन्तु प्रबन्धन ने बचे हुए कामगारों को वापस काम पर रखने से इनकार कर दिया है । जबकि उक्त ठेका कंपनी की आड़ में यहां के दलालनुमा लोग साइलो व सीएचपी में कार्यरत कामगारो को धमका रहे हैं । कोरोना महामारी के बीच नियोजित कामगारों की पेट मे लात मारा गया है काम से निकाल दिए जाने के कारण 9 – 10 सालो से इस जगह में कम से कम वेतन में सेवाएं देकर कोयला उद्योग से देश विकास के लिए अपना अमूल्य योगदान दे रहे मजदूरों का परिवार अब अपनी जीवन यापन कैसे करेगा । कम्पनी को चाहिए कि तय वेतन , और सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं दी जाए पर अब उनका रोजगार को ही छीना जा रहा है । इस पूरे षणयंत्र में क्षेत्र के दलाल सक्रिय हैं जिन्हें बक्शा नही जाएगा ।

72 घण्टे बाद साइलो सीएचपी सहित श्रमिक चौक को पूरी तरह बंद कर कोयला परिवहन को बंद करेंगे….

ऊर्जाधानी संगठन ने कहा है कि 72 घण्टे तक गांधीगिरी करने के बाद हम अपनी आंदोलन को आक्रामक करने वाले हैं पूर्व के घोषणा के अनुसार साइलो और सीएचपी को बंद करने के साथ ही श्रमिक चौक से गुजरने वाले सभी परिवहन वाहनों को भी रोक दिया जाएगा ।

भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से भागीरथ यादव संदीप कंवर बसंत कुमार कश्यप पवन कुमार लक्ष्मी प्रसाद सुंदर सिंह गौड़ प्यारेलाल विजय नेताम रमेश कुमार संतोष सिंह हेमंत कुमार रमेश कश्यप अमित दास बुधराम भीखा रामेश्वर मनहरण पाटले संजू करके ऋषि कुमार बैरागी ओमप्रकाश निर्मल सिंह रविशंकर कौशिक समस्त ठेका मजदूर उपस्थित थे।

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